मंदिर परिसर में शराब पीने से किया था मना पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक उमेश चंद्र अपने दोस्त बाबूलाल को छोड़ने भट्ठा गया था। तभी वापस आते समय रास्ते में सुरेश, वसीम उर्फ बब्लू और मिश्रीलाल नाम के आरोपी शराब पी रहे थे। ये दोनों का मृतक उमेश चंद्र से नाराज थे क्योंकि उसने इन लोगों को मंदिर परिसर में शराब पीने से मना किया था। उसी का बदला लेने के लिए इन दोनों आरोपियों ने उमेश चंद्र को सारिया और लाठियों से मारा और गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया।
मृतक से चल रहा था पुराना विवाद इसके अलावा आरोपियों में से एक सुरेश ने यह भी बताया कि उसके छोटे भाई लालजी के खिलाफ धारा 376 में एक मुकदमा भी चल रहा था। इस मामले में मृतक उमेश चंद्र गवाह था। उमेश चंद्र को मना करने के बाद भी वह गवाही देने पर अड़ा था। वहीं दूसरे आरोपी वसीम ने बताया कि कॉलोनी के लिए आवंटित पासों को मैं निकालना चाहता था। लेकिन उमेश चंद्र इस बात पर अड़ा था कि वह पैसे उसकी पत्नी ही निकालेगी। जिसको लेकर मेरा पत्नी के साथ मनमुटाव भी हो गया था। इसी के चलते हम लोगों ने मिलकर उमेश चंद्र को मौत के घाट उतार दिया।
सभी आरोपियों को भेजा जेल वहीं इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक वी. पी. श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस टीम ने 24 घंटे के अंदर इस हत्याकांड का खुलासा किया है। इन तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के अंतर्गत कार्रवाई करके इन्हें जेल भेज दिया गया है।