योजना के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सतीश चंद्र का कहना है कि – प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का फॉर्म भरने के लिए www.pmmvy.cas.nic.in पर जाकर बेनिफिशियरी लॉग इन पर क्लिक्क करना होगा। इसके बाद फॉर्म डाउनलोड करने के विकल्पों के साथ अन्य विकल्प खुलकर सामने आ जायेंगे। इन विकल्पों को भरने के बाद लाभार्थी का फॉर्म सीधे उसके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पास पहुँच जायेगा। वहां से वह फॉर्म का सत्यापन कराएंगे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक अम्बरीश द्विवेदी ने बताया कि इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए पांच हजार रुपये तीन किश्तों में गर्भवती के खाते में दिए जाते हैं। पहली किश्त 1,000 रुपये की गर्भधारण के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने पर, दूसरी किश्त में 2,000 रुपये 180 दिनों के अन्दर व 2,000 रूपये की तीसरी किश्त प्रसव पश्चात तथा शिशु के प्रथम टीकाकरण चक्र के पूरा होने पर मिलते हैं।
उन्होंने बताया- अगर लाभार्थी को ऑनलाइन फॉर्म भरने में कोई दिक्कत आ रही है या उसे सहायता की जरूरत है तो वह स्टेट हेल्पलाइन नम्बर 7998799804 से संपर्क कर सकता है। प्रसव चाहे सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में हुआ हो या निजी, लाभ सभी को मिलता है। पंजीकरण के लिए गर्भवती व पति का आधार कार्ड, गर्भवती की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जरूरी है। गर्भवती का बैंक खाता संयुक्त नहीं होना चाहिए।
जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) सुरेन्द्र कुमार ने आवेदन की प्रक्रिया के बारे में बताया कि चार चरण (स्टेप्स) में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जारी पोर्टल के लिंक https://pmmvy.cas.nic.in पर जाकर योजना सुविधा के (आंगनबाड़ी/अप्रूव्ड स्वास्थ्य सुविधा केंद्र) लॉग इन जानकारी का उपयोग कर पीएमएमवी वाई सॉफ्टवेयर में लॉग इन करें। लाभार्थी रजिस्ट्रेशन फॉर्म (जिसे एप्लीकेशन फॉर्म ए भी कहा जाता है ) के अनुसार जानकारी भरकर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए “न्यू बेनिफिशियरी” पर क्लिक करें।
गर्भावस्था के 6 महीने के बाद फिर से पीएमएमवीवाई-सीएएस सॉफ्टवेयर में लॉग इन करें और दूसरी किश्त टैब पर क्लिक्क करें और यूजर मैन्युअल में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए फॉर्म 1-बी भरें। 4- बच्चे के जन्म के बाद, बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण के पहले चरण को पूरा करने के बाद पीएमएमवीवाई-सीएएस सॉफ्टवेयर में लॉग इन करें और ‘तीसरी किश्त” टैब पर क्लिक करें और फॉर 1 सी भरें।
उन्होंने बताया- यदि कोई लाभार्थी ऑफलाइन आवेदन करना चाहता है तो वह पहले की तरह ब्लाक स्तर पर सम्बंधित कार्यालय अथवा आशा कार्यकर्ता के माध्यम से आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा- लाभर्थियों को फर्जी फोन कॉल से भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। कुछ जालसाज योजना के नाम पर फोन कर लाभार्थियों को बैंक अकाउंट सम्बंधित जानकारी लेकर उनके साथ धोखाधड़ी का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों से बैंक व आधार सम्बन्धी कोई जानकारी साझा न करें।