सीएमओ डा रमेश चंद्र ने बताया कि विभाग के द्वारा मुहल्लों व कस्बों में लगातार एंटी लार्वा का छिड़काव किये जाने का काम लगातार किया जा रहा है। कोशिश विभाग की ओर से यही है कि बीमारी का प्रकोप न बढ़ने पावें। इसके लिए कोविड19 प्रोटोकाल के तहत विभागीय व अंर्तविभागीय गतिवधियां जारी है। पिछले वर्ष जिले में डेगू के 91 व मलेरिया के 46 मरीज पाये गये थे। विभाग के कर्मचारियों द्वारा लोगो को यह बताया जा रहा है कि लक्षण दिखते ही तुरन्त चिकित्सकों से परामर्श लेने का कार्य करें। इस दौर में सावधानी रखना अत्यन्त जरूरी है।
डेगू के लक्षण व बचाव डेगू बीमारी की शुरूआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है।, आंखे लाल हो जाती है। डेगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप नार्मल होने लगता है। बुखार के साथ ही साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। डेगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रकोप से बचना चाहिए। अपने घरों के आसपास पानी को इकठ्ठा न होने दे।
मलेरिया के लक्षण व बचाव तेज बुखार से ठंड लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेटीग्रेड से उपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया में बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना। मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित न होने दे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे। नीम के पत्ती का धुंआ करे। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाने का कार्य करे। बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं।