बाराबंकी

डॉक्टरों की लापरवाही और एंबुलेंस में देरी बनी काल, एक प्रसूता समेत दो नवजात बच्चों की मौत

आक्रोशित परिजनों ने जिला महिला अस्पताल के सामने दोनों बच्चों के शव रखकर हंगामा व प्रदर्शन किया।

बाराबंकीOct 04, 2017 / 02:00 pm

नितिन श्रीवास्तव

डॉक्टरों की लापरवाही और एंबुलेंस में देरी बनी काल, एक प्रसूता समेत दो नवजात बच्चों की मौत

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा का हाल बदहाल है। जिला महिला चिकित्सालय में प्रसुताओं की उचित देखभाल न होने व समय पर इलाज न मिलने की वजह से जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर में लगातार वृद्धि होती चली जा रही है। उस पर जिला महिला अस्पताल में दूर दराज गांव से आने वाले प्रसूताओं व उनके परिजन लगातार महिला डॉक्टर पर लापरवाही और घूसखोरी का आरोप लगाते रहे हैं। शिशु केयर सेंटर भी सुचारु रुप से काम नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से नवजात बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर समुचित इलाज नहीं किया जा सकता है।
 

एक प्रसूता समेत दो नवजात बच्चों की मौत

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और उसके मंत्री लगातार स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश देते चले आ रहे हैं। लेकिन जिले के स्वास्थ्य महकमे के कानों में जूं भी नहीं रेंग रही है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में भी आज ऐसा ही कुछ हुआ। जिसने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक सवालिया निशान लगा दिया। मंगलवार को जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही और सरकारी एंबुलेंस 108 सेवा के देर से पहुंचने की वजह से एक प्रसूता और दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई। जिनमें प्रसूता फतेहपुर तहसील के नन्दीपुरवा गांव की रहने वाली बताई जा रही है और मृतक एक शिशु थाना कोठी क्षेत्र का और दूसरा शिशु नवाबगंज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत खसपरिया गांव का था।
 

परिजनों ने किया हंगामा

दोनों नवजात शिशुओं की एक के बाद एक लगातार मौत होने के बाद मृत शिशु के परिजन व स्थानीय नागरिक आक्रोश में आ गए और दोनों शिशुओं के शवों को लेकर उनके परिजनों ने जिला महिला अस्पताल के सामने मार्ग जाम कर दिया और दोनों मृतकों को लेकर रास्ते में बैठ गए। इस दौरान परिजनों व सैकड़ों स्थानीय नागरिकों ने मिलकर रास्ते को दोनों तरफ से जाम कर दिया और जमकर हंगामा किया।
 

सीएमओ ने कही जांच की बात

इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने सरकार और प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। उनके परिजनों का कहना था कि प्रसूता को लाने के बाद इन डॉक्टरों ने उसकी कोई परवाह नहीं की और न ही इलाज किया। जिसकी वजह से इन दोनों बच्चों की जन्म के बाद मौत हो गई। परिजनों व स्थानीय नागरिकों ने डॉक्टरों पर घूसखोरी का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिला महिला अस्पताल में बगैर पैसे दिए कोई भी काम नहीं होता है। मौके पर पहुंचे सीएमओ डॉक्टर रमेश चंद्रा हमेशा की तरह इस पूरे मामले पर लीपापोती करते नजर आए और उन्होंने अपने डॉक्टरों का बचाव करते हुए इस प्रकरण में जांच कराए जाने और उसके उपरांत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही।

Hindi News / Barabanki / डॉक्टरों की लापरवाही और एंबुलेंस में देरी बनी काल, एक प्रसूता समेत दो नवजात बच्चों की मौत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.