जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा राजीव कुमार सिंह ने बताया उक्त अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष तक के लगभग 5 लाख 52 हजार बच्चों को पोलियो कि दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें लक्ष्य के सापेक्ष कुल 55 लाख 57 हजार बच्चों को पल्स पोलियो अभियान के तहत दो बूंद जिंदगी की पोलियोरोधी दवा पिलाकर शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया। उन्होंने बताया अभियान को सफल बनाने के लिए करीब 4 हजार 4 सौ 55 आशा, एएनएम समेंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गांव-गांव डोर टू डोर पहुंचकर दवा पिलाई गई।
उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के अंतिम दिन आशा, ऐनम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेंत अन्य ने स्थायी बूथों पर दवा पीने से वंचित रहने वाले बच्चों को घर-घर जाकर पोलियो रोधक दवा पिलाई। इस दौरान ईटों के भट्ठों, स्लम एरिया, फैक्ट्री आदि जगहों के साथ-साथ मोबाइल यूनिट ने शहर के हर वार्ड में तथा गांव की हर गली में जाकर लक्ष्य को पूरा करने का काम करेंगे। इसके साथ ही हर मकान, प्रतिष्ठान पर नंबर भी अंकित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पल्स पोलियो अभियान के अलावा अन्य कोई भी अभियान तभी कामयाब हो सकता है, जब समाज के लोग जागरुक होंगे और प्रशासन का सहयोग करेगे। उन्होंने यह भी कहा कि पल्स पोलियो अभियान के अलावा अन्य कोई भी अभियान तभी कामयाब हो सकता है, जब समाज के लोग जागरुक होंगे और प्रशासन का सहयोग करेगे।
नोडल अधिकारी ने बताया पोलियों अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद में 1485 बूथ बनाए गए थे। घर-घर भ्रमण टीमों की संख्या 1113, बूथ पर्यवेक्षक 345, कुल टीम पर्यबेक्षकों की संख्या 342, कुल ट्रांजिट टीमों की संख्या 104 समेंत मोबाइल की 72 टीमें कार्यक्रम के दौरान सक्रिय रही।