शिकायत करने वाले पर ही केस बाराबंकी जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्माननिधि में हुई लूट का सनसनीखेज मामला जैसे ही मीडिया की सुर्खियां बनी वैसे ही प्रशासन हरकत में आ गया।कल दो ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया जिनके बारे में कहा गया कि यह अपने जनसेवा केन्द्र से बेरोजगारी भत्ते के नाम पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में लोगों के नाम पंजीकरण कराते थे और इस काम के बदले उनसे पैसा लेते थे। मगर हम जब उस जनसेवा केन्द्र के संचालक के पास पहुंचे तो हमारी आंखें फटी की फटी रह गईं। केन्द्र संचालक ने बताया कि प्रशासन उसके साथ दुर्भावना के तहत कार्रवाई कर रहा है। क्योंकि इस भ्रष्टाचार की शिकायत उसने ही मुख्यमंत्री जन सुनवायी पर की थी।
विस्तृत जांच की मांग फतेहपुर तहसील अंतर्गत कृष्णा जनसेवा केन्द्र संचालक अंकित वर्मा हैं। जिन पर प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है। उनकी अगर मानें तो उन्होंने बताया कि बाराबंकी जिला प्रशासन उन्हें उनकी करनी की सजा दे रहा है। सबसे पहले उन्होंने ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर आईजीआरएस करके 46 नामों का खुलासा किया था। जो किसान सम्माननिधि के लिए अपात्र थे, फिर कृषि विभाग को सूची दी लेकिन दोनों मामलों का फर्जी निस्तारण कर दिया गया। अब उन्हें जानकारी मिली है कि प्रशासन ने उन पर ही धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत करवा दिया है। जबकि वह पूरी तरह से निर्दोष है और कभी किसी का बेरोजगारी भत्ते के नाम पर किसान सम्माननिधि में फीडिंग नहीं की। अगर किसी संचालक ने की है तो उसका अधिकार सिर्फ फीडिंग तक ही सीमित है। शेष अप्रूवल कृषि विभाग के अधिकारी ही करते हैं। अंकित वर्मा यह मांग करते हैं कि इसकी विस्तृत जांच करवाई जाए और उन्हें न्याय दिया जाए।