गो आश्रय स्थल को लेकर बवाल मामला बाराबंकी में स्थित देवा थाना क्षेत्र के घेरा गांव का है। यहां पर ब्लॉक प्रशासन गौ आश्रय स्थल बनवा रहा है। जानकारी के मुताबिक खंड विकास अधिकारी फतेहपुर ने रीवा चपरी गांव के किल 64 गोवंश को डीसीएम और पिकअप में भरवाकर जबरन घेरी गांव में बन रहे गो आश्रय स्थल भेज दिया था। जबकि घेरी गांव में निर्मामाधीन गो आश्रय स्थल में बाउंड्रीवाल से लेकर गेट लगाने का काम भी पूरा नहीं हो सका है। गांव में दूसरे गांव के गोवंशीय मवेशियों को पकड़कर लाए जाने की बात जैसे ही घेरी गांव में फैली, वहां पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और महिलाएं इकट्ठा हो गए और गांव के अधूरे निर्माणाधीन गो आश्रय स्थल में दूसरे गांव से मवेशी लाए जाने का पुर्जोर विरोध करने लगे। धीरे-धीरे स्थिति इतनी विस्फोटक बन गई कि घेरी गांव के ग्रामीण और मवेशी लेकर आए लोगों में टकराव की नौबत आ गई।
पुलिस-प्रशासन ने संभाली स्थिति वहीं मामले की सूचना के बाद मौके पर आनन-फानन में कई थानों की पुलिस और एसडीएम रामनगर पहुंचे और स्थिति को संभाला। पुलिस-प्रशासन ने ग्रामीणों को काफी समझाया-बुझाया। लेकिन ग्रामीण इसी शर्त पर माने कि उनके गांव में निर्माणाधीन गो आश्रय स्थल पर मवेशी नहीं उतारे जाएंगे। उसके बाद मवेशियों को वापस गांव भेजा गया, तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी।