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समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने भाजपा पर लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप, कहा मुझे हरा दिया गया

locationबाराबंकीPublished: May 07, 2021 09:49:00 am

Submitted by:

Abhishek Gupta

समाजवादी समर्थित जिला पंचायत फतेहपुर द्वितीय के प्रत्याशी संजय यादव का आरोप है कि चुनाव में उन्हें 316 वोटों से जीत मिली थी, लेकिन सत्ता के दबाव में उन्हें जीत का प्रमाणपत्र नहीं दिया गया।

समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने भाजपा पर लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप, कहा मुझे हरा दिया गया

समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने भाजपा पर लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप, कहा मुझे हरा दिया गया

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी ने सत्ताधारी भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता के दबाव में मुझे सीओ ने थाने पर बैठाए रखा और चुनाव में गड़बड़ी कर हरा दिया। समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी का यह आरोप बेहद गम्भीर है और जनादेश का अपमान कहा जा सकता है। सपा समर्थित प्रत्याशी ने कहा कि वह 316 वोट से चुनाव जीत गया था, मगर उन्हें थाने पर बैठाकर वोटों की संख्या को सत्ताधारी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कर दिया गया। अब वह जिला प्रशासन से वोटों की पुनर्मतगणना की मांग करता है।
316 वोटों से जीत का दावा

समाजवादी समर्थित जिला पंचायत फतेहपुर द्वितीय के प्रत्याशी संजय यादव का आरोप है कि चुनाव में उन्हें 316 वोटों से जीत मिली थी, लेकिन सत्ता के दबाव में उन्हें जीत का प्रमाणपत्र नहीं दिया गया और उन्हें थाने पर सीओ ने बैठा कर रखा और उधर उन्हें चुनाव में जबरन हरा दिया गया। प्रशासन पूरी तरह से सत्ता के दबाव में काम कर रहा है और इसी कारण उन्हें थाने पर बैठाया गया। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने दावा करते हुए कहा कि उन्हें 6081 मत प्राप्त हुए हैं। जिसका वह बूथवार विवरण दे सकते हैं।
जबरन हराने का आरोप

प्रत्याशी संजय यादव ने बताया कि उन्हें कुल 6381 मत मिले हैं और उनके विपक्षी को 6065 वोट मिले। इस प्रकार वह 316 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। अन्तिम परिणाम आने के बाद सीओ फतेहपुर ने उन्हें थाने पर बुला कर 3 घण्टे तक बैठा लिया और उन्हें विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि विपक्षी को जीत का प्रमाणपत्र दे दिया। प्रशासन पूरी तरह से सत्ता के दबाव में काम कर रहा है और इसी कारण बगैर कारण बताए उन्हें थाने पर बैठाया गया। वह अब प्रशासन से पुनर्मतगणना की मांग करते हैं, क्योंकि वह सिद्ध कर सकते हैं कि उन्हें किस बूथ पर कितने वोट मिले।
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