तराई के लोगों का आरोप है कि बाढ़ खंड के अधिकारियों ने कराए गए कार्यों में जमकर लापरवाही बरती है, जिसका खामियाजा इस बार भी तराई की लोगों को भुगतना पड़ेगा।
सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ कटान भी हुई तेज, ग्रामीणों ने कहा- अधिकारियों की लापरवाही के चलते बाढ़ से बच पाना असंभव
बाराबंकी. जनपद बाराबंकी के तराई इलाकों में सरयू नदी के जलस्तर बढ़ने के साथ ही कटान भी तेज हो गई है। नदी की धारा की चपेट में आकर कई बीघे खेती योग्य जमीन सरयू में समा गई है। इससे तराई के लोगों में भले ही हड़कंप मच गया हो लेकिन बाढ़ खंड के अधिकारी इसको लेकर पूरी तरह से उदासीन हैं। ग्रामीण भी बाढ़ खंड के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। तराई के लोगों का आरोप है कि बाढ़ खंड के अधिकारियों ने कराए गए कार्यों में जमकर लापरवाही बरती है, जिसका खामियाजा इस बार भी तराई की लोगों को भुगतना पड़ेगा। परियोजनाओं पर भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए हैं लेकिन तराई की जनता को बाढ़ से बचा पाना असंभव दिख रहा है।
नदी की कटान हुई तेज सिरौलीगौसपुर और रामनगर तहसील क्षेत्र के कई गांव जैसे गोबरहा, पर्वतपुर तिलवारी, टेपरा के पास नदी की कटान हो रही है, देखते ही देखते खेती योग्य कई बीघा जमीन नदी की धारा में समा गई है। गांव के लोगों की गन्ना और मेंथा की फसल नदी की धारा में समा जाने से किसानों की रातों की नींद गायब हो गई है। सरयू नदी का जलस्तर जैसे ही बढ़ा वैसे ही प्रशासन के दावे फेल होते दिखाई दिए। तैयारियों का आलम ये है कि अभी तक न तो बाढ़ चौकी बनाई गई है और न ही सरकारी नावें दिखाई पड़ रही हैं। जबकि नदी किनारे बसे गांव के लोग अभी भी डरे सहमे हुए हैं। क्योंकि इन्हें आशंका है कि जिस तरह नदी फसल को अपने आगोश में ले रही है उसी तरह यदि पानी बढ़ा तो कहीं उनके मकान भी नदी की धारा में समा जाएं।
अधिकारियों की लापरवाही ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ खंड ने कटान से तराई के लोगों और खेतों को बचाने के लिए करोड़ों रुपए की परियोजनाएं शुरू की थीं। जिन्हें कागजों पर पूरा भी दिखा दिया गया, लेकिन तराई की जनता को बाढ़ से बचा पाना अब आसान नहीं दिखाई दे रहा है। गांव की निवासियों ने बताया कि गांव में नदी तेजी से कटान कर रही है। गांव वालों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने काम कराने के नाम पर केवल खानापूरी की है। ग्रामीणों ने कहा कि जब वह लोग अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हैं, तो वो लोग पुलिस से हम लोगों को डरवाते और दबाव बनाते हैं।