कटान के डर से खुद तोड़ रहे अपने मकान
मामला बाराबंकी की रामनगर तहसील क्षेत्र में आने वाले गांव कोरिनपुरवा का है। यहां सरयू नदी ने अब तक बाढ़ की अपनी विनाशलीला के चलते ग्रामीणों की सांसें अटका रखी थी, मगर अब नदी ने कटान शुरू कर ग्रामीणों के होश उड़ा दिए हैं। ऐसे में तहसील रामनगर के बाढ़ग्रस्त गांव कोरिनपुरवा के ग्रामीणों ने अपना घर खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया है, क्योंकि उन्हें आशंका है कि जिस तरह से नदी किनारों को काट रही है, उससे उनका घर जल्द ही नदी में समा जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण अपना जरूरी सामान भी लेकर भाग रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा मकान तोड़े जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बाढ़ की इस कटान से यहां चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है।
किनारों पर कटान तेज
कोरिनपुरवा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि नदी ने किनारों को काटना शुरू कर दिया है। उन्हें डर है कि जल्दी ही उनका मकान भी नदी निगल लेगी। उनका कहना है कि पिछले साल की बाढ़ में तीन मकान नदी में कट गये थे और इस साल भी उनके मकान नदी में समाने वाले हैं। इस वजह से वह लोग अपना मकान खुद ही तोड़ रहे हैं। जहां तक प्रशासनिक मदद का सवाल है तो यहां कोई देखने ही नहीं आ रहा। उन्होंने बताया कि मकान तोड़ कर वह लोग किसी सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे हैं, जिससे उनकी जान बच सके।
प्रशासन करवा रहा लोगों के रहने की व्यवस्था
वहीं बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि एल्गिन चरसड़ी बांध पर सरयू नदी का जलस्तर 105.80 सेमी है। यह खतरे के निशान से लगभग 27 सेमी. नीचे बह रही है। एडीएम ने बताया कि जिन ग्रामीणों के घर नदी के तट पर कटान के पास आ रहा होगा। इसीलिये वह लोग अपना मकान कोड़कर सामान हटा रहे हैं। जिससे उनको ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े। एडीएम के मुताबिक सभी बाढ़ प्रभावित लोगों की रहने की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन करवा रहा है।