भक्तों का लगा जमावड़ा
लोधेश्वर महादेवा (Lodheshwar Mahadeva) तीर्थ जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर रामनगर तहसील मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर लोधौरा गांव में स्थित है। महादेव के दर्शन में भक्तों की सुविधा के लिए बैरीकेडिंग कराई गई हैं। कतारबद्ध श्रद्धालु मंदिर के पूरब वाले द्वार से मंदिर में प्रदेश कर जलाभिषेक के बाद दक्षिण वाले द्वार से निकल रहे हैं। मंदिर के पश्चिम में बने विशाल सरोवर में स्नान करके भी ज्यादातक श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं इसलिए तालाब में भी जाल लगाया गया है। भक्तों के सैलाब के बीच मध्यरात्रि के बाद कपाट खुलते ही शिवभक्त देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
पहले कपाट बंद रखने का लिया गया था फैसला
दरअसल कोविड-19 के चलते सावन मास में लगने वाले महादेवा मेला पर प्रशासन ने पाबंदी लगाई है। पाबंदी के चलते जिला प्रशासन ने पहले लोधेश्वर महादेवा के कपाट भी बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन हजारों शिव भक्तों की आस्था के आगे जिला प्रशासन भी नतमस्तक हो गया और कपाट खोलने का फैसला लिया। दरअसल यहां हजारों की संख्या में महादेवा पहुंचे शिवभक्त दर्शन और जलाभिषेक की जिद को लेकर अड़ गये थे। जिसके बाद देर रात 12:35 बजे प्रशासन को महादेवा मंदिर के कपाट खोलने पड़े। हालांकि लोधेश्वर महादेवा का मेला नहीं लगा है और दुकानें खोलने की अनुमति भी जिला प्रशासन ने नहीं दी है।
शिवभक्तों के लिए बड़ा महत्त्व
महादेवा मंदिर के मठ पुजारी आदित्य महाराज जी के अनुसार सावन (Sawan 2021) का शिवभक्तों के लिए बड़ा महत्त्व है। इस दिन भगवान शिव हर शिवलिंग में विराजते हैं। इस दिन बेलपत्र, धतूरा, भांग, मदार के फूल और शमी की लकड़ी से भगवान का पूजन किया जाता है। सावन में महादेव के दर्शन के लिए यहां दो-तीन प्रदेशों से श्रद्धालु यहां बाते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। पुजारी ने बताया कि सावन भर मंदिर में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था रहती है। मंदिर के आसपास बैरिकेटिंग के साथ-साथ भरी पुलिस बल तैनात रहता है। पुजारी ने बताया कि पहले पहले लोधेश्वर महादेवा के कपाट बंद करने का फैसला लिया गया था, लेकिन अब यहां शिवभक्तों के आगे नतमस्तक होकर यहां कपाट खोल दिये गए हैं।
सारी मनोकामनाएं होती हैं पूरी
लोधेश्वर महादेवा में जलाभिषेक के लिए जिले के अलावा लखनऊ, बहराइच, कानपुर, उन्नाव, उरई, जालौन समेत कई जिलों से बड़ी तादात में शिव भक्त आए हैं। श्रृद्धालुओं ने बताया कि वह हर सावन में एक बार लोधेश्वर के दर्शन करने जरूर आते हैं। यहां आकर उनको बहुत खुशी मिलती है। लोधेश्वर महादेव की कृपा से उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। दर्शन के लिए दूर-दूर से आए श्रद्धालु उसके पास से बेल पत्र, धतूरा, भांग, मदार का फूल और बेर समेत तमाम सामग्री लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।