दुपट्टा उद्योग पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध बाराबंकी का दुपट्टा उद्योग पूरे प्रदेश में इतना लोकप्रिय है कि जनपद में यह कृषि के बाद सबसे बड़ा व्यवसाय माना जाता है। सिर्फ बाराबंकी की बात की जाए तो लाखों परिवारों का जीविकोपार्जन इस व्यवसाय के सहारे ही हो रहा है। कुछ परिवार तो इसे पार्ट टाइम
काम के रूप में भी इस्तेमाल कर रहे हैं। जनपद के कई घरों में दुपट्टे की बुनाई के बाद उसे तैयार करने का काम किया जाता है।
लोग करते हैं अच्छी कमाई जनपद में दुपट्टा व्यवसाय के बड़े व्यापारी माने जाने वाले प्रदीप जैन ने बताया कि इस व्यवसाय से कुछ लोग पचास रुपये तो कुछ लोग 200 से 500 रुपए रोजाना तक कमा लेते हैं। कुछ लोग तो बचे हुए समय के रूप में इस काम का सदुपयोग कर रहे हैं। जो जितना समय इस काम को दे रहा है उसे उतना लाभ हो रहा है। इस काम की सबसे खास बात यह है कि लोग घरों में बैठकर, बातचीत करते हुए, अपने जरूरी कामों को निपटाने के बाद भी कर सकते हैं। कपड़े की बुनाई के बाद दुपट्टे को तैयार करने का काम इसी तरह से करवाया जाता है।
सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र करे घोषित प्रदीप जैन ने बताया कि सरकार इस काम को प्राथमिकता के आधार पर बचाने का काम कर रही है। गोरखपुर, बनारस तो सरकार की प्राथमिकता है ही, मगर सरकार यदि इस काम को बचाने के लिए प्रयास कर रही है तो बाराबंकी को विशेष आर्थिक क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए। लखनऊ से पूर्वान्चल की ओर यदि बढ़ें तो पहला जिला बाराबंकी ही पड़ता है। यदि इस जिले को विशेष आर्थिक क्षेत्र घोषित जाए, तो पूरे पूर्वांचल को लाभ होगा। जनपद की ही नहीं कई जिलों की बेरोजगारी इससे दूर होगी। क्योंकि सड़कें आवागमन के लिए बढ़िया हैं और इस व्यवसाय के लिए आवागमन के साधन का होना बहुत जरूरी है।