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जिलाधिकारी के आदेश को नहीं मानते उनके अपने अधिकारी, शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

locationबाराबंकीPublished: Oct 27, 2020 03:59:55 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

लाखों का यह घोटाला अधिकारीयों के गले की फांस बन गया है।

जिलाधिकारी के आदेश को नहीं मानते उनके अपने अधिकारी, शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

जिलाधिकारी के आदेश को नहीं मानते उनके अपने अधिकारी, शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

बाराबंकी. मनरेगा में हुए घोटाले की शिकायत पर हुयी जांच में जब आरोप सही साबित हुए तो जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दोषियों के विरुद्ध पैसे की रिकवरी और कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया। मगर यह आदेश सिर्फ आदेश ही रह गया क्योंकि जिलाधिकारी का आदेश उनके अपने अधिकारी मानते ही नहीं। उल्टा शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने की धमकी दी जा रही है। लाखों का यह घोटाला अधिकारीयों के गले की फांस बन गया है।
मनरेगा के तहत करवाया गया काम

बाराबंकी जनपद के विकासखण्ड सिरौलीगौसपुर के ग्राम चैला में कुछ सालों पहले मनरेगा के तहत काम करवाया गया था। जिसमें यहां के ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम प्रधान ने मिलकर पैसे का गबन किया था। इसी गांव के ग्रामीण अनुज कुमार सिंह ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी सहित जिले के बड़े अधिकारीयों से की। इस मामले में जब जांच हुयी तो शिकायतकर्ता के आरोप सही पाये गए और जिलाधिकारी ने दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ गबन की राशि की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए। मगर बीडीओ से लेकर जिम्मेदार अधिकारीयों ने जिलाधिकारी का आदेश भी अनसुना कर दिया और कोई कार्रवाई नहीं की।
डीएम ने दिया कार्रवाई का आदेश

मामले के शिकायतकर्ता अनुज कुमार सिंह ने बताया कि सिरौलीगौसपुर विकासखण्ड के ग्राम चैला में मनरेगा के तहत पैसे का गबन किया गया था। क्षेत्र पंचायत सदस्य के काम को मनरेगा का काम दिखा कर ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी ने मिलकर पैसा निकाल लिया। जिसकी शिकायत उनके द्वारा की गयी थी। जांच में यह आरोप सही साबित हुए और जिलाधिकारी ने धन की रिकवरी के साथ कानूनी और विभागीय कार्रवाई किये जाने का आदेश दिया। मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उल्टा उन्हें जान से मारने की धमकी देकर शिकायत वापस करने की बात कही जा रही है।
तीन किस्तों में जमा करना था धन

वहीं इस मामले में उपायुक्त मनरेगा नरेन्द्र देव दिवेदी ने बताया कि रिकवरी के आदेश के बाद धन को तीन किस्तों में जमा करने का आदेश दिया गया था। जिसमें एक व्यक्ति के द्वारा पहली किस्त जमा भी हो गयी है। विभागीय और कानूनी कार्रवाई के संबंध में सम्बंधित को पत्र लिखा गया है और कार्रवाई की जा रही है।
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