बाराबंकी

सवालों के घेरे में एक और एनकाउंटर, परिजनों ने मुठभेड़ को बताया फर्जी, कहा- यूपी में है पुलिस का गुंडाराज

कथित अपराधी आकाश यादव के परिजन चीख-चीखकर बाराबंकी पुलिस के एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं…

बाराबंकीApr 19, 2018 / 12:26 pm

नितिन श्रीवास्तव

फिर सवालों के घेरे में पुलिस का एनकाउंटर, परिजनों ने मुठभेड़ को बताया फर्जी, कहा- यूपी में है पुलिस का गुंडाराज

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपराधियों के सफाए के लिए जी जीन से जुटी है। इसी को लेकर प्रदेश में लगातार पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की खबरें भी आती रहती हैं। इसी तरह बाराबंकी में भी बुधवार को पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई है। जिसकोे लेकर पुलिस अपनी वाहवाही में जुटी है। लेकिन यूपी की बाराबंकी पुलिस ने इस मुठभेड़ के पीछे जो कहानी बताई, उसकी कलई खुद तथाकथित अपराधी आकाश यादव ने खोल कर रख दी है।
 

यूपी में गुंडाराज

कथित अपराधी आकाश यादव के परिजन चीख-चीखकर बाराबंकी पुलिस के एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं। आकाश यादव के परिजन चिल्ला-चिल्लाकर कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में पुलिस-प्रशासन का गुंडाराज चर रहा है। पुलिस किसी को भी उठाकर गोली मार देती है और उससे कोई भी कुछ नहीं पूछता है। परिजनों ने सवाल उटाया कि जब पुलिस आकाश को पूछताछ के लिए लेकर आई थी तो उसे दरियाबाद लेकर क्यों गई। आकाश को पुलिस ने फर्जी तरीके से पैर में गोली मारी है। आकाश के चाचा ने आरोप लगाया कि आकाश को बुधवार को लखनऊ के महानगर में सचिवालय कॉलोनी से उठाया गया है। मेरे पास कई गवाह हैं। उसके बाद रात में फर्जी मुठभेड़ दिखाई गई है। हम लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।
 

 

 

पुलिस की थ्योरी पर उठाए सवाल

पुलिस के इस एनकाउंटर को फर्जी ठहराते हुए मुठभेड़ में घायल कथित अपराधी आकाश यादव ने भी उसकी पूरी थ्योरी पर सवालिया निशान लगा दिया है। कैमरे के सामने दिए बयान में आकाश यादव ने बताया कि बुधवार की शाम बाराबंकी पुलिस ने मुझे पूछताछ के नाम पर उठाया था। जब मैंने पुलिस से पूछा कि मुझे कहां लेकर जा रहे हैं तो उन लोगों ने बताया कि तुमसे कुछ पूछताछ करनी है। पूछताछ करके तुम्हें छोड़ दिया जाएगा। आकाश ने बताया कि पुलिस मुझे बुधवार शाम करीब साढ़े तीन बजे लेकर दरियाबाद आई। उसके बाद यहां लाकर मेरा मुंह ढक दिया और मेरे पैर में गोली मार दी। मुंह ढका होने की वजह से मैं कुछ देख नहीं सका। आकाश के मुताबिक मैं पुलिस से पूछता रह गया कि मुझे क्यों गोली मार रहे हो, लेकिन उन लोगों ने कुछ भी नहीं बताया। गोली मारने के बाद कराब साढ़े पांच बजे मुझे यहां इलाज के लेकर आए हैं। आकाश ने बताया कि जब मैं यूनिवर्सिटी में पढ़ता था तो मेरे ऊपर कुछ मारपीट के मामले दर्ज थे। इसके अलावा मेरे ऊपर कोई भी मुकदमा नहीं है।
 

पुलिस का आरोपों से इनकार

वहीं दूसरी तरफ पुलिस इस मुठभेड़ के पीछे अलग कहानी बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है। जिला अस्पताल पहुंचे बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक शशिकांत तिवारी ने बताया कि पुलिस ने दरियाबाद थाना क्षेत्र में मुठभेड़ की है। जिसमें तीन अपराधी एक मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी उन लोगों को रोका गया। लेकिन उन लोगों ने पुलिस वालों पर ही गोली चला दी। जिसका जवाब देते हुए पुलिस ने भी गोली चलाई। मुठभेड़ में एक अपराधी को पैर में गोली लगी है। बाकी दो अपराधी भागने में कामयाब हो गए। शशिकांत तिवारी ने बताया कि अपराधी के पास से भारी मात्रा में कारतूस और असलहे बरामद हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने फर्जी एनकाउंटर के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि परिजनों के विरोध के दूसरे कारण हो सकते हैं। लेकिन ये एनकाउंटर पूरी तरह से सही है।
 

अपराधी के पास मिले काफी हथियार

वहीं बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक वी.पी. श्रीवास्तव ने इस एनकाउंटर के बारे में बताते हुए कहा कि घायलस अपराधी के पास से काफी मात्रा में हथियार मिले हैं। पुलिस ने इनके पास से एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है जिसका नंबर इन लोगों ने खुरच के हटा दिया था। एसपी ने बताया कि इनलोगों का आपाराधिक इतिहास कई जनपदों में है। पुलिस उसकी भी जांच कर रही है। इसके साथ ही फरार अपराधियों की भी तलाश की जा रही है।

पहले भी एनकाउंटर पर उठ चुके हैं सवाल

आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब बाराबंकी पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े हो रहे हों। बीते फरवरी महीने में भी बाराबंकी पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर करके सुर्ख़ियों में आई थी। उस समय भी मुठभेड़ में घायल शख्स ने बताया थी कि पुलिस उसे और उसके साथियों को तीन दिन पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। उसके बाद प्लान करके हम लोगों के साथ मुठभेड़ दिखाई गई। जिसके बाद उन तथाकथित अपराधियों के बयान से सनसनी फैल गई थी।
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