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बाराबंकी में एक ऐसी मजार, जहां पान खाकर होलिका तापने से ठीक हो जाते हैं असाध्य रोग

locationबाराबंकीPublished: Mar 20, 2019 01:34:10 pm

मजार पर श्रृद्धालुओं का लगता है मजमा…

Sufi Sant Gulam Shah Mazar in Barabanki

बाराबंकी में एक ऐसी मजार, जहां पान खाकर होलिका तापने से ठीक हो जाते हैं असाध्य रोग

बाराबंकी. होली पर हर तरफ रंगों की बहार छायी है लेकिन कई जगह ऐसी भी हैं जहां आज भी कुछ ऐसी मान्यताएं हैं जो सालों से चली आ रही हैं। ऐसी ही एक जगह बाराबंकी जिले के हैगरगढ़ में भी है। जहां सुबेहा के गुलामाबाद गांव में निरोगी रहने के लिए लोग दूर-दूर से होलिका तापने के लिए पहुंचते हैं और सूफी संत गुलाम शाह की मजार पर हिंदु और मुस्लिम एक साथ मत्था टेकते हैं।

होली का अलग अंदाज

बाराबंकी की तहसील हैदरगढ़ के सुबेहा के पास गुलामाबाद गांव की होली का अपना अलग ही अंदाज है। यहां होलिका दहन वाले दिन दोपहर से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। यहां बाराबंकी के अलावा रायबरेली, अमेठी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, लखनऊ समेत और भी कई जगहों से काफी संख्या में लोग होली तापने आए। बुजुर्गों की अगर मानें तो यहां पर होली तापने से मिरगी, दमा, कुष्ठ रोग, सफेद दाग जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।

होलिका तापने के बाद खाते हैं दवा

दरअसल ऐसी मान्यता है कि सुबेहा में एक प्रख्यात फकीर गुलाम हुसैनी थे। उन्होंने अपने हिंदू और मुस्लिम संप्रदाय के भक्तों में हमेशा के लिए होलिका की शुरुआत की थी। लोग बताते हैं कि कुम्हार जाति के एक श्रद्धालु की सेवा से प्रसन्न होकर गुलाम हुसैनी ने उसे एक ऐसी जड़ी बूटी के बारे में बताया जिसे पान में रखकर खाने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। फकीर गुलाम हुसैनी के नाम पर बसे गुलामाबाद में तभी से होली का महत्व बढ़ गया। यहां हर साल होलिका को नमन करने और तापने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। बाबा गुलाम हुसैनी के परिवार के वंशज आज भी फाल्गुन पूर्णिमा को पान में दवा देते हैं। होलिका तापने के बाद लोग दवा खाते हैं। जिससे वह दमा, मिरगी, कुष्ठ रोग, सफेद दाग जैसे रोगों से छुटकारा पा जाते हैं।

कई साल पुरानी मजार

होलिका तापने तमाम श्रृद्धालुओं ने बताया कि यह मजार कई सालों से यहां बनी है। यहां बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं। जो भी रोगी बाबा की मजीर पर पहुंचता है उसे फायदा जरूर मिलता है। एक श्रद्धालु ने बताया कि हमारी हमें जानकारी मिली थी कि यहां आने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है इसीलिए हम यहां अपने परिवार के साथ आए हैं।
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