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मुर्गे की बांग सुनाई दे या नहीं, यहां सुबह से ही गूंजने लगती है सुमन दीदी की सीटी

locationबाराबंकीPublished: Sep 18, 2018 02:35:30 pm

सुमन दीदी लोगों को खुले में शौच न करने के लिए करती हैं जागरुक…

Suman didi aware villager for swachh bharat abhiyan mission barabanki

मुर्गे की बांग सुनाई दे या नहीं, यहां सुबह से ही गूंजने लगती है सुमन दीदी की सीटी

बाराबंकी. जहां तक खुले में शौच का सवाल है तो इससे परेशानी तो हर किसी को होती है लेकिन ज्यादा समस्या महिलाओं के लिए है। खुले में शौच जाने पर महिलाओं के अंदर लोक-लाज और सुरक्षा को लेकर हमेशा खौफ बना रहता है। शायद यही वजह है कि शौचालय के बारे में बढ़ती जागरूकता के बाद इसके लिए आवाज उठाने वालों में महिलाएं ही सबसे आगे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से सामने आया। जहां एक गांव ऐसा है जिसमें मुर्गे की बांग सुनाई दे या न दे, लेकिन सुमन दीदी की सीटी की आवाज सुबह से ही सुनाई देने लगती है।
सीटी बजाते हुए पहुंच जाती हैं सुमन दीदी

खुले में शौच करने से रोकने और साफ-सफाई को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए पूरे देश में जगह-जगह अभियान चल रहे हैं। सीटी बजाने, ढोल बजाने और रैली निकालने जैसे तमाम नायाब तरीके अपनाकर लोगों को समझाया जा रहा है। बाराबंकी जिले में सुल्तानपुर रोड पर बसे बसरहिया गांव में भी अगर कोई भी खुले में शौच करते दिखता है तो सुमन दीदी नाम की एक महिला तुरंत उसे समझाने के लिए सीटी बजाते हुए पहुंच जाती हैं। इस काम में सुमन दीदी का साथ देने के लिए अब तो ग्रामीणों की पूरी फोज तैयार हो गई है, जो गांव में साफ-सफाई करने के साथ लोगों को जागरूक भी कर रही है।
 

परिवार और गांव देता है मेरा साथ

वहीं अपने इस नेक काम में अब कर 100 महिलाओं को जोड़ चुकी सुमन दीदी ने बताया कि मुझे बचपन से ही सफाई पसंद है। जबसे मैंने देखा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने सफाई के लिए देश और प्रदेश में मुहिम छेड़ रखी है, तभी से मेरे अंदर और हिम्मत आ गई। मैंने गांव के लोगों को सफाई के लिए और तेजी से जागरुक करना शुरू कर दिया। सरकार की सहायता से प्रधान ने गांव में काफी शौचालयों का निर्माण करवाया है, लेकिन फिर भी कई लोग खुले में शौच जाते हैं। हम ऐसे लोगों को सीटी बजाकर जागरुक करते हैं और उन्हें समझाते हैं कि खुले में शौच करने से क्या-क्या नुकसान होते हैं। सुमन दीदी ने बताया कि इस काम में मेरे पति, बच्चे और पूरा परिवार हमारा साथ देता है। इसके अलावा पूरे गांव के लोग हमारे साथ साफ-सफाई में हाथ बंटाते हैं।
ग्रामीणों ने स्वच्छता को बनाया लक्ष्य

ग्रामीणों ने बताया कि सुमन दीदी और प्रधान पूरे गांव को साफ रखने में हमारी मदद करती हैं। हम सब लोग सुबह होते ही सीटी बजाते हुए निकल पड़ते हैं। जिसे सुनकर सभी को पता चल जाता है कि अब झाड़ू लेकर निकलने का समय हो चुका है। फिर हम सब मिलकर गांव की सफाई में लग जाते हैं। हम लोगों का लक्ष्य है अपने गांव के साथ-साथ इंडिया को स्वच्छ बनाना। वहीं गांव की एक महिला ने बताया कि पहले हम लोग शौच के लिए बाहर जाते थे, लेकिन अब सरकार ने शौचालय बनवाने के लिए मदद की है। इसके साथ ही सुमन देवी ने भी हम लोगों को काफी समझाया, जिसके बाद खुले में शौच के खिलाफ हम लोगों के अंदर जागरुकता आई है।
लोगों को किया जा रहा जागरुक

ग्राम बसरहिया की प्रधान सुनीता देवी ने सुमन दीदी के बारे में बताया कि वह रोज सीटी लेकर निकल पड़ती हैं और लोगों को खुले में शौच करने से रोकती हैं। सुनीता देवी के मुताबिक गांव में कई ऐसे लोग भी हैं जो बार-बार समझाने के बाद भी नहीं मानते। उनके लिए हम लोग रोज सीटी के साथ निकलकर लोगों को जागरुक करते हैं। प्रधान सुनीता देवी के मुताबिक हमने 170 शौचालय बनवाए हैं। बाकी बचे हुए शौचालयो को बनाने का काम जारी है। जब बन रहे शौचालयों का काम पूरा हो जाएगा तो जो लोग अभी शौच के लिए बाहर जा रहे हैं, वह नहीं जाएंगे। शौचालय बनने के बाद भी गांव में अगर कोई शौच के लिए बाहर जाएगा तो उनपर जुर्माना होगा।
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