जिला क्षय रोग अधिकारी एवं नोडल डॉ एके वर्मा ने बताया कि टीबी रोगी खोजी अभियानके दौरान अब तक कुल 18 टीबी के पॉजटिव केस पाया गया है। साथ ही अभियान के तहत एचआईबी 15, शुगर 15 एवं यूडीएसटी 7 सहित कुल 570 प्राइवेट प्रोवाइडरों तक पहुंचकर टीबी अभियान को सफल बनाने पहल की जा रही है । उन्होंने बताया है कि इस चरण में जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र की 16 टीमें प्राइवेट चिकित्सक, क्लीनिक, नर्सिंग होम के अलावा लैब पैथोलॉजी एवं दवा विक्रेताओं के यहां टीबी के मरीजों को खोजने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया है कि इस कार्य में टीमों को भारी सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया है कि आगामी 25 जनवरी तक यह अभियान लगातार जारी । इस दौरान टीमें किसी व्यक्ति में लक्षण होने की संभावना पर उनकी जांच को बलगम एवं खून के सैंपल लेती हैं जिन्हें प्रयोगशाला भेज दिया जाता है।
जिला छय रोग अधिकारी ने बताया टीबी रोगी खोजी अभियान के तीसरे चरण में प्रमुख रूप से पैथोलाँजी हिन्द मेडिकल कालेज, मेयो मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय पुरूष, जिला महिला चिकित्सालय के सभी विभाग में जाकर केमिस्ट, पैथालाजी लैब, प्राइवेट चिकित्सकों के यहां जाकर उनको जागरूक किया जा रहा है। उनको बताया जा रहा है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्बन्धित दवा लेने आए, किसी का इलाज चल रहा हो तो वे उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हें बेहतर दवाएं मिलें तथा उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें पोषण भत्ता दिलाया जा सके।
पांच दिनों 18 लोगों में हुई टीबी की पुष्टि जिले में सघन टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है। दो जनवरी से 25 जनवरी तक चले अभियान में विभाग के 16 चिकित्सा अधिकारी टीबी, 59 सुपरवाइजर व 274 टीमें लगी हुईं हैं जो जनपद की कुल 640 अधिक लोगों तक पहुंच रही हैं। अब तक 18 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है।
यह लक्षण दिखे तो जरूर करा लें जांच जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अगर छह प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो कतई नजरंदाज न करें। इनमें दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना। रात में बेवजह पसीना आना। भूख कम लगने जैसी समस्या है तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।