जान जोखिम मे डालकर पुलिया पार करने की मजबूरी ( Baran News )
दरअसल, सीसवाली कस्बे के नदी पार पर बसा एक छोटा गांव भैरुपुरा है। जो सीसवाली कस्बे से नदी पार बसा हुआ है। जिसमे एक छोटी पुलिया बनी हुई है, जो बरसात के दिनो मे अधिकांश डूबी रहती है। इस रस्ते के अलावा कोई दुसरा वैकल्पिक रास्ता नही होने के कारण लोग अपनी जान जोखिम मे डालकर पुलिया पार करने को मजबूर हैं।
हादसे के दौरान मची चीख-पुकार जानकारी के मुताबिक दो बच्चे हनुमान उम्र सात साल और ललित पांच साल अपने पिता के कन्धों पर बैठ कर पुलिया पार कर रहे थे। इस दौरान पिता के अचानक पैर फिसलने के कारण दोनो बच्चों के साथ वह नदी मे गिर गया। तेज बहाव के चलते तीनों बहने लगे। हादसे के दौरान चीख पुकार मच गई।
अपनी जान पर खेलकर बचाया… इस बीच पुलिया के पास ही खडे विकास कहार, लोकेश सिंगर, दीपक कहार, जितेंद्र कहार, भवरलाल कहार, रणजीत कहार, मुरारी कहार रामकल्याण कहार रघुवीर कहार ने अपनी जान की परवाह ना करते हुये नदी मे कूद कर बच्चों को पकड़ा और एक टापू पर ले जाकर खड़े हो गए। इसके बाद ग्रामीणो ने ट्यूब व रस्से के सहयोग से नदी से सभी को बाहर निकाला गया। वहीं बच्चो को नदी पार करवाने वाला युवक नदी को तैर कर दुसरे छोर पर पहुंच गया।