कौडिय़ों में खरीदी करोड़ों की जमीन, अटरू की चार ग्राम पंचायतों में 73 पट्टे फर्जी मिले
बारां. अटरू पंचायत समिति की चार ग्राम पंचायतों में आबादी भूमि की बंदरबांट का खुलासा हुआ है। आबादी क्षेत्र में नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने के 73 प्रकरण प्रारम्भिक जांच में सही पाए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।

बारां. अटरू पंचायत समिति की चार ग्राम पंचायतों में आबादी भूमि की बंदरबांट का खुलासा हुआ है। आबादी क्षेत्र में नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने के 73 प्रकरण प्रारम्भिक जांच में सही पाए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। अब जिन्होंने यह पट्टे जारी किए थे, उन सबके खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे। इसके अलावा अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी प्रारम्भ करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
गत वर्ष पंचायत चुनाव से पूर्व अक्टूबर से दिसम्बर २०१९ में अटरू तहसील में लगभग ५०० पट्टों की रजिस्ट्री कराई गई थी। इनमें बड़ी संख्या में फर्जी पट्टी होने की शिकायतें जिला प्रशासन के पास पहुंची थी। जिला प्रशासन ने इसकी जांच की जिम्मेदारी अटरू के विकास अधिकारी शैलेष रंजन को सौंपी थी। विकास अधिकारी ने जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने तहसील से प्राप्त २९७ पट्टों का फर्जी होने का संदेहास्पद मानकर जांच की थी। जिसमें ७३ पट्टे नियम विरुद्ध जारी होने की पुष्टि हो गई थी। जिस जमीन पर यह पट्टे जारी किए गए हैं, उसकी कीमत करोड़ों रुपए में बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि इनमें से कुछ पट्टे उस भूमि पर जारी किए गए थे, जिसके पट्टे डेढ़ दशक पूर्व जिले के नामचीन नेताओं व प्रभावशाली लोगों को अवैध रूप से जारी किए गए थे। तब तत्कालीन जिला कलक्टर आरएस गठाला ने यह पट्टे निरस्त कर दिए थे।
इन पंचायतों में इतने फर्जी पट्टे
अटरू पंचायत समिति की अटरू, खेड़लीगंज, रतनपुरा व बरलां में नियम विरुद्ध आबादी क्षेत्र में यह पट्टे जारी किए गए थे। इनमें अटरू में ३४, खेड़ली गंज में ३५, बरलां व रतनपुरा ग्राम पंचायतों में पट्टे जारी किए गए है। ग्राम पंचायतों में बेशकीमती आबादी भूमि पर नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने के मामले उजागर होने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ था तथा अटरू के विकास अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए गए थे।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए
जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव ने अटरू पंचायत समिति के विकास अधिकारी की ओर से कराई गई जांच के बाद इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। फर्जी पट्टे जारी करने वाले ग्राम विकास अधिकारी, तत्कालीन सरपंच, पटवारी व पट्टेधारियों के खिलाफ नियमानुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के आदेश अटरू के विकास अधिकारियों को दिए हैं। इनके साथ उपपंजीयक अटरू, तहसीलदार, क्षेत्रीय वन अधिकारी व पट्टेधारकों को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं, जिससे उक्त भूमि का आगे बेचान नहीं हो सके।
न्यायालय में पेश करे प्रार्थना पत्र
जिला कलक्टर ने पंचायतीराज अधिनियम की धारा ९७ के तहत सक्षम न्यायालय में पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र व आदेश ३९ नियम-१ व २ के तहत स्थगन प्रार्थना पत्र पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। जिससे जिस जमीन पर पट्टे जारी किए गए है, वहां यथा स्थिति बनाए रखी जा सके।
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