she news : चिकित्सा विभाग अब 'आशा'वान
दोहरी जिम्मेदारी से मिली मुक्ति, जिले की 1344 आशा सहयोगिनियों को मिलेगी राहत
बारां
Published: February 18, 2022 10:20:22 pm
बारां. लम्बे अरसे से दो विभागों में सेवा दे रही आशा सहयोगिनियों को राज्य सरकार की ओर से दोहरी जिम्मेदारी से मुक्त कर राहत दी गई है। सरकार ने आशा सहयोगिनियों पर प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को देने पर सहमति दी है। इससे जिले में 1344 आशा सहयोगिनियों को राहत मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मानदेय सेवा के तहत कार्यरत आशाओं को अब तक मानदेय भुगतान महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से किया जाता था, लेकिन उनसे चिकित्सा विभाग में भी विभिन्न गतिविधियों, राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं योजनाओं में सहयोग लिया जाता था। अब मानदेय सेवा का भुगतान भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ही किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाएं सुधरेंगी
राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर तथा ग्राम पंचायत स्तर पर गांव-गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है तथा प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व साथिन समेत आशा सहयोगिनी नियुक्त हैं। इनमें से आशा सहयोगिनियों को महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों व कार्यक्रमों में भी सहयोग लिया जाता है। अब स्वास्थ्य विभाग के अधीन होने से वे स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में अधिक समय देंगी तो क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
घूमती थी पत्रावलियां
सूत्रों का कहना है कि संभवत: अकेले राजस्थान प्रदेश में ही आशा सहयोगिनियों को दो विभागों के नियंत्रण में काम करना पड़ रहा था। इससे आशाएं चकरघन्नी सी रहती थीं। आशाओं के मामले में किसी तरह के आदेश निर्देश जारी करने पर भी दोनों विभागों के हस्ताक्षर होते थे। सम्बंधीत पत्रावलियां दोनों विभागों के बीच घूमती रहती थी। कभी महिला बाल विकास विभाग से फोन करते तो वह चिकित्सा विभाग का कार्य करती मिलती। चिकित्सा विभाग से फोन करते तो महिला बाल विकास में कार्य करना बताया जाता। इससे मॉनिटरिंग भी प्रभावी नहीं हो रही थी।
दोनों विभागों की मंत्री स्तरीय बैठक में चिकित्सा विभाग में आशाओं का प्रशासनिक नियंत्रण रखने पर सहमति हुई। इससे कार्य में गुणवता आएगी। बेहतर मॉनिटरिंग के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा।
धर्मेन्द्र निर्विकार, जिला आशा, कॉर्डिनेटर, एनएचएम
महिला एवं बाल विकास तथा चिकित्सा विभाग दोनों विभागों के लाभार्थी समान होने से आशाओं के लिए प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है। इस सम्बंध में विस्तृत आदेश मिलने पर और अधिक स्थिति स्पष्ट होगी।
हरिशंकर नुवाद, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग

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