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बदहाल बिजली आपूर्ति तंत्र और बेहाल लोग

locationबारांPublished: Nov 10, 2018 06:03:32 pm

नागरिक तो क्या विद्युत वितरण निगम के अधिकारी के अधिकारी व कर्मचारी भी नहीं बता पाते। एक बार बिजली गुल होने के बाद इसके बहाल

Heat full power

bijali aapurti

करीब चार घंटे तक ‘रोशनीÓ का इन्तजार करते रहे हजारों लोग
शहर की दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों व प्रमुख बाजारों में पसरा रहा अंधेरा
बारां. शहर की विद्युत आपूर्ति पर आएदिन विद्युत आपूर्ति तंत्र पर लगने वाले ग्रहण के बादल छंट नहीं रहे। शहर के धर्मादा चौराहा क्षेत्र समेत दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों की विद्युत आपूर्ति कब बंद और शुरू होती है, नागरिक तो क्या विद्युत वितरण निगम के अधिकारी के अधिकारी व कर्मचारी भी नहीं बता पाते।
एक बार बिजली गुल होने के बाद इसके बहाल होने में दो-चार घंटे तो लग ही जाते हैं। शुक्रवार को भी धर्मादा चौराहा क्षेत्र समेत दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों के शाम चार से रात आठ बजे आपूर्ति ठप रही। निगम के अधिकारी व कर्मचारी पूछने पर बार-बार यही जवाब देते रहे कि लाइन फॉल्ट हो गई, चैक कर रहे हैं। ऐसा बीते तीन माह में दर्जनों बार हुआ है, इसके बावजूद निगम के अधिकारी इस क्षेत्र के आपूर्ति तंत्र के सुधार पर ध्यान नहीं दे रहे।
लोगों ने अपनी पीड़ा प्रशासनिक अधिकारियों को भी कई बार बताई, लेकिन वे भी निगम अधिकारियों के रवैये को कोस अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
अरे साहब, मिल गया क्या फाल्ट!
शाम को करीब सवा चार बजे धर्मादा चौराहे फीडर से जुड़े क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति अचानक ठप हो गई। लोगों ने पांच बजे तक तो आपूर्ति बहाल होने का इन्तजार किया, लेकिन जब शाम ढलने लगी और अंधेरा पसरने लगा तो उन्होंने निगम अधिकारियों के मोबाइलों की घंटियां बजाना शुरू किया। अधिकारी लाइन में फाल्ट ढूंढ़ उसे जल्द दुरुस्त करने का भरोसा देते रहे। रात सात बजे तो लोगों का आक्रोश बढऩे पर कई अधिकारी व कर्मचारियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए।
ऐसे समझें अधिकारियों का रवैया
बारां शहर के ख्यातनाम डोल मेले की शुरुआत से पूर्व निगम ने आपूर्ति तंत्र को सुचारू करने के नाम कई दिनों तक चार से छह घंटे की घोषित कटौती की। इसके बाद डोल एकादशी पर निकली शोभायात्रा के दौरान करीब छह घंटे विद्युत आपूर्ति बंद रखी। बाद में कई बार दो से चार घंटे की कटौती भी मरम्मत के नाम की गई। इसके बाद दीपावली से पहले फिर मरम्मत व सुधार का घिसापिटा जुमला फेंक कर कटौती का दौर जारी रखा। यहां तक कि इस इलाके में रोशनी के पर्व पर दोपहर व शाम को बार-बार बिजली की ट्रिपिंग आम रही। अक्टूबर माह के अन्तिम सप्ताह में क्षेत्र में करीब पांच घंटे आपूर्ति ठप रही। ऐसे में निगम की ओर से आपूर्ति तंत्र में कह जा रही कोशिशों और अधिकारियों के रवैये का सहज अनुमान अनुमान लगाया जा सकता है।
तो फिर कैसे होगा तंत्र में सुधार
विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों की इस कार्यप्रणाली पर गौर करें तो आपूर्ति तंत्र में कैसे सुधार होगा, यह प्रभावित लोगों के समक्ष यक्ष प्रश्न है। ऐसा नहीं है कि आपूर्ति तंत्र के नकारा होने की असलियत अभी ही सामने आई हो। बरसों पूर्व जब बारां शहर में ३३ केवी के दो जीएसएस थे, तब से इनमें नियाना जीएसएस से आपूर्ति तंत्र फेल होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। धर्मादा चौराहा क्षेत्र अब भी हॉस्प्टिल जीएसएस से जोड़ जरुर दिया है, लेकिन आपूर्ति लाइनें व ट्रांसफार्मर वही हैं, जो नियाना जीएसएस के दौरान थे। निगम के सेवानिवृत्त व जानकारी कर्मचारी बताते हैं कि अब आपूर्ति तंत्र के रखरखाव का जिम्मा संवदेक कम्पनी को दे दिया गया है तो पुराने कर्मचारी भी नहीं रहे। ऐसे में छोटी से समस्या भी घंटों में पकड़ में आती है। अधिकारी शहर के आपूर्ति तंत्र को समझना ही चाहते।
& लाइन में फाल्ट ढूंढऩे में काफी समय लगा, सात बजे बाद एक ट्रान्सफार्मर में फाल्ट मिला। जिसे बदलने में करीब एक घंटे का समय लग गया। निगम कर्मचारी आपूर्ति ठप होने के बाद लाइनों को चैक करने में जुट गए थे। आपूर्ति तंत्र को सुधारने के प्रयास चल रहे हैं।
यर्थाथ देवलिया, सहायक अभियंता विद्युत वितरण निगम
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
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