जिले में 214 ग्राम पंचायतों में एक महिला व एक पुरुष प्रेरक कार्यरत थे । अनुबंध नहीं बढऩे के कारण लोकशिक्षा केन्द्रों पर ताले लगे हुए हैं। सरकार ने प्रेरकों का बकाया मानदेय भी नहीं दिया। प्रेरक चौदह साल से अल्प मानदेय में सेवा दे रहे हैं । प्रेरकों ने बताया की भाजपा सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र व सुराज संकल्प यात्रा में नियमित करने का वादा किया था लेकिन हजारों ज्ञापन देने के बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया प्रेरको ने बताया कि चुनावी समर में बेरोजगार किया है ऐसे मे अगर रोजगार नहीं दिया तो जगह जगह पुरजोर विरोध किया जाएगा। प्रेरकों ने बताया की मात्र दो हजार रुपए के मानदेय पर वह पंद्रह सालों से निरक्षर लोगों को साक्षर करने मे लगे हुए थे जिन्हें केंद्र व राज्य सरकार ने बेरोजगार कर दिया।
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
————————-