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बारां में कांग्रेस की बगावत, रैली निकाल दिखाई ताकत

locationबारांPublished: Nov 16, 2018 07:17:29 pm

बारां-अटरू व छबड़ा विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की धड़ेबंदी सामने आ गई। बारां से टिकट की दौड़ में शामिल युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धर्मराज मेहरा ने बगावती तेवर दिखाए

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युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष मेहरा ने भरा निर्दलीय नामांकन
बारां. कांग्रेस पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार देर रात पहली सूची जारी हुई। इसके बाद बारां-अटरू व छबड़ा विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से ही पार्टी की धड़ेबंदी सामने आ गई। बारां से टिकट की दौड़ में शामिल युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धर्मराज मेहरा ने बगावती तेवर दिखाए। बड़ी संख्या में उनके समर्थक दोपहर को कृषि उपज मंडी के मुख्य द्वार स्थित गणेश मंदिर पर एकत्रित हुए। वहां से मेहरा जुलूस के रूप में शहर के प्रमुख मार्गों से होते रैली के रूप में कलक्टे्रट स्थित निर्वाचन कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। इस बगावत के बाद कांग्रेस की आपसी खींचतान भी जगजाहिर हो गई। दूसरी ओर मेहरा ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें टिकट के लिए पूरा भरोसा दिलाया था। इसके बाद से ही वे अपनी टीम के साथ तैयारियों में जुट गए थे, इस दौरान उन्हें आमजन से काफी समर्थन भी मिला। २००३ में राजकीय महाविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुनाव लडऩे के बाद पार्टी ने उन्हें २००५ में युवक एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद २०१० से वे अब युवा कांग्रेस के जिला व लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य करते रहे हैं। टिकट नहीं मिलने से युवा कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी है, उनके कहने पर ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। पार्टी नेतृत्व को बारां-अटरू विधानसभा क्षेत्र से टिकट से बदलाव की मांग कर रहे हैं। चुनाव लडऩे के बारे में अन्तिम निर्णय नामांकन पत्र दाखिल करने की अन्तिम तिथि १९ नवम्बर के बाद ही लेंगे।
लोक शिक्षा केन्द्र पर लटक रहे ताले
मानदेय भी नहीं मिला, काम भी छूटा
कोयला. जिले में कार्यरत लोकशिक्षा केन्द्रों के प्रेरकों का अनुबंध 31मार्च को समाप्त हो गया। इसे आगे नहीं बढाया गया है। इसके बाद से राजस्थान के सत्रह हजार व देश के पांच लाख साक्षरता कर्मी एक अप्रेल से बेरोजगार हो गए। प्रेरकों ने भाजपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों को सैकडों ज्ञापन दिए लेकिन ध्यान नहीं दिया।
जिले में 214 ग्राम पंचायतों में एक महिला व एक पुरुष प्रेरक कार्यरत थे । अनुबंध नहीं बढऩे के कारण लोकशिक्षा केन्द्रों पर ताले लगे हुए हैं। सरकार ने प्रेरकों का बकाया मानदेय भी नहीं दिया। प्रेरक चौदह साल से अल्प मानदेय में सेवा दे रहे हैं । प्रेरकों ने बताया की भाजपा सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र व सुराज संकल्प यात्रा में नियमित करने का वादा किया था लेकिन हजारों ज्ञापन देने के बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया प्रेरको ने बताया कि चुनावी समर में बेरोजगार किया है ऐसे मे अगर रोजगार नहीं दिया तो जगह जगह पुरजोर विरोध किया जाएगा। प्रेरकों ने बताया की मात्र दो हजार रुपए के मानदेय पर वह पंद्रह सालों से निरक्षर लोगों को साक्षर करने मे लगे हुए थे जिन्हें केंद्र व राज्य सरकार ने बेरोजगार कर दिया।
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
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