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सुविधाओं को तरस रहे खिलाड़ी

locationबारांPublished: Mar 17, 2019 07:06:12 pm

Submitted by:

Hansraj

देशभर में आदिवासी क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं की खोज व उन्हें तराशने के लिए किए जा रहे प्रयास बारां जिले के आदिवासी सहरिया बाहुल्य उपखंड में नजर नहीं आ रहे। शाहाबाद में हर साल पर्यटन महोत्सव का आयोजन

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सुविधाओं को तरस रहे खिलाड़ी

उपखंड मुख्यालय पर खेल मैदान नहीं
खिलाडिय़ों को नहीं मिल रहे समुचित अवसर
शाहाबाद. देशभर में आदिवासी क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं की खोज व उन्हें तराशने के लिए किए जा रहे प्रयास बारां जिले के आदिवासी सहरिया बाहुल्य उपखंड में नजर नहीं आ रहे।
शाहाबाद में हर साल पर्यटन महोत्सव का आयोजन खासे जोश के साथ किया जाता है, इसमें क्षेत्र की प्रतिभाएं अपना कौशल भी दिखाती हैं, लेकिन इसके बावजूद उपखंड मुख्यालय पर खेल मैदान विकसित नहीं किया जा रहा। जबकि क्षेत्र के कई खिलाड़ी अपने बूते राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लौहा मनवा चुके हैं। खेल मैदान के अभाव में यहां ग्रामीण स्तरीय प्रतियोगिताएं नहीं हो पाती। ऐसे में खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर तक नहीं मिलता।
भूमि ही हुई आवंटित
राज्य सरकार की ओर से खेल मैदान के लिए यहां उपखंड मुख्यालय पर भूमि आवंटित की हुई है, लेकिन यह उबड़-खाबड़ है तथा इसकी सफाई तक नहीं कराई गई है। पूर्व में पूर्व विधायक हेमराज मीणा ने विधायक कोष से खेल मैदान के लिए एक लाख रुपए दिए थे।
इस राशि का उपयोग ही नहीं किया गया।
सुविधाएं मिले तो बने बात
कस्बे के एथलेटिक्स व क्रिकेट खिलाड़ी रतन प्रकाश कश्यप, वहीद खान का कहना है कि खेल मैदान नही होने की वजह से खेल प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पाती। अगर समय पर खिलाडिय़ो को खेल मैदान व खेलो से सम्बन्धित सुविधाएं मिले तो खिलाड़ी देश मे क्षेत्र का नाम रोशन कर सकते हैं।
खुद कराते हैं सफाई
कस्बे के खिलाडी विक्रम, रोबिन, ललित धानुक, पियुश, अमरसिह, तिलक आदि खिलाड़ी आपस मे पैसे एकत्रित करके कहीं भी खाली जगह देखकर साफ सफाई करवाते हैं और खेलने लायक जगह बनाकर खेलते हैं।
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