हाल यह है कि कई कार्य लम्बे समय से अधूरे पड़े है। क्रिटिकल प्लांट के मुख्य गेट व इससे आगे तक सीसी रोड निर्माणाधीन है, लेकिन यहां ठेकेदारों ने पीसीसी के बाद से काम अधूरा छोड़ दिया। इससे वाहनों के फर्राटों के साथ गिट्टी, पत्थर उछलकर राहगीर व वाहन चालकों को चोटिल कर रहे हैं। धूल के गुबार उडऩे से वाहन चालकों को काफी दूर तक साफ नजर नहीं आता। वहीं शाम को ड् यूटी से लौटने की जल्दी के चलते दुर्घअना होने का अंदेशा रहता है।
हो जाते है मुंह सफेद
श्वांस के साथ धूल शरीर के अंदर जा रही है। इससे लोग खांसी जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। हालत यी है कि थर्मल में खुले में कार्य करने वाले मजदूरों व कर्मचारियों की हालत बदतर हो जाती है, शाम तक तो धूल की परत जमने से मुंह सफेद हो जाता है। बालों में भी धूल के कण समा जाते हैं।
फसल भी हो रही प्रभावित
धूल मिटटी के गुबार से आसपास के गांव के ग्रामीण व खेतीहर किसान भी परेशान है इनका कहना है कि दिन रात धूल के गुबार उडऩे से फसलें भी खराब होती हैं। खांसी, जुकाम व फेफड़ों से सम्बंधित बीमारी होने की आशंका है।
-संबंधित एजेंसियों को निर्माण काय्र स्थल पर धूल से बचाव के लिए पानी छिडक़ाव के निर्देश हैं, छिडक़ाव किया भी जाता है, यदि कोई लापरवाही हो रही है तो दिखवाएंगे।
-जीके राठी, मुख्य अभियंता, छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट मोतीपुरा चौकी