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पहले जिस लहसुन ने रुलाया, अब वही खुशहाली ले आया

locationबारांPublished: Apr 18, 2019 08:06:27 pm

जिस लहसुन ने गत वर्ष किसानों को खून के आंसू रुलाए थे, वही लहसुन इस साल किसानों को आर्थिक मजबूती दे रहा है। जिले में गत वर्ष लहसुन के कम भाव के कारण कई किसानों की मृत्यु तक हो गई थी। अब लहसुन के भाव

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पहले जिस लहसुन ने रुलाया, अब वही खुशहाली ले आया

भाव में भारी उछाल
बारां व छीपाबड़ौद मंडियों में 17 हजार कट्टों की आवक
बारां. जिस लहसुन ने गत वर्ष किसानों को खून के आंसू रुलाए थे, वही लहसुन इस साल किसानों को आर्थिक मजबूती दे रहा है। जिले में गत वर्ष लहसुन के कम भाव के कारण कई किसानों की मृत्यु तक हो गई थी। अब लहसुन के भाव औसत से अधिक होने से किसानों में खासा उत्साह है।
यहां कृषि उपज मंडी स्थित लहसुन मंडी में अप्रेल माह के प्रथम सप्ताह से नए लहसुन की करीब एक हजार कट्टे की प्रतिदिन आवक होना शुरू हो गई थी, जो अब बढक़र करीब छह सात हजार कट्टे तक पहुंच चुकी है। तब लहसुन के भाव डेढ़ हजार रुपये से लेकर 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक थे, लेकिन तब इसमें खासी नमी थी। महावीर जयंती के अवकाश से पूर्व बाजार बंद भाव उपर में 7 हजार पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल रहे थे। गुरुवार को खुलते बाजार में लहसुन मंडी में देसी लहसुन की उच्चतम नीलामी दस हजार रुपए प्रति क्विंटल तक लगाई गई। औसत माल सात हजार पांच सौ से आठ हजार रूपये प्रति क्विंटल तक बिका। व्यापारियों का मानना है की लहसुन में अभी आगे और अच्छी खासी तेजी आने की संभावना है।
उत्तरप्रदेश से आए खरीदार
गुजरात में इस बार महज 20 प्रतिशत ही लहसुन का रकबा होने वहीं यूपी में रकबा आधा घट जाने के कारण गुजरात व यूपी के खरीदारों ने यहां मंडी में डेरा जमा लिया है। स्टॉकिट्स की खरीदारी के चलते लहसुन में ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल तक का उछाला आया है। लहसुन मंडी के व्यापारी जगदीश बंसल ने बताया कि कई प्रदेशों के व्यापारियों के यहां पहुंचने से इस बार लहसुन के अच्छे भाव मिलने की उम्मीद है।
कम हुई थी इस बार बुवाई
जिले में गत वर्ष करीब 45 हजार हैक्टेयर में लहसुन की बुवाई की गई थी। लहसुन के गिरते भावों से हताश होकर लहसुन की बुवाई में अधिक रुचि नहीं दिखाई तो पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से कृषि विभाग ने भी लहसुन की बुवाई नहीं करने की सलाह दी थी। इसके चलते इस वर्ष 21 हजार 500 हैक्टेयर में ही महज लहसुन की बुवाई हुई है। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार अभी प्रति हैक्टेयर 55 से 60 क्विंटल लहसुन का उत्पादन हो रहा है।
छीपाबड़ौद में भी बम्पर आवक
जिले की छीपाबड़ौद लहसुन मंडी में भी देसी व ऊंटी किस्म लहसुन की अच्छी आवक हो रही है। मंडी व्यापारी रवि मालपानी ने बताया कि गुरुवार को करीब 13 हजार कट्टे लहसुन की आवक हुई। इनमें पांच हजार कट्टे देसी व करीब आठ हजार कट्टे ऊंटी लहसुन की मंडी में आवक हुई। देसी लहसुन ऊंचे में 8 हजार 600 प्रति क्विंटल तथा ऊटी किस्म का लहसुन 10 हजार 605 रुपए प्रतिक्विंटल के अधिकतम भाव पर बिका।

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