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बंदी की कोटा में मौत, परिजनों का शव लेने इनकार

locationबारांPublished: Jul 20, 2019 09:04:48 pm

Submitted by:

Hansraj

यहां जिला कारागार के बंदी सुरेन्द्र कुमार शाक्यवाल की शुक्रवार रात कोटा में मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में उपचार के दौरान संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई। इस घटना को लेकर परिजनों में खासा रोष गहरा गया। परिजनों की ओर से जेल प्रशासन के खिलाफ मारपीट करने का आरोप

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बंदी की कोटा में मौत, परिजनों का शव लेने इनकार

जेल प्रशासन पर मारपीट का आरोप
बारां. यहां जिला कारागार के बंदी सुरेन्द्र कुमार शाक्यवाल की शुक्रवार रात कोटा में मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में उपचार के दौरान संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई। इस घटना को लेकर परिजनों में खासा रोष गहरा गया। परिजनों की ओर से जेल प्रशासन के खिलाफ मारपीट करने का आरोप लगाया तो मामला गरमा गया। बाद में घटना की न्यायिक जांच कराने, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने के आश्वासन के बाद दोपहर बाद पोस्टमार्टम कराया गया। शाम को शव सुसावन बस्ती स्थित बंदी के घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। परिजनों ने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। रात सात बजे तक शव एम्बुलेंस में रखा रहा।
दाखिल होने के साथ ही उपचार
बारां जिला कारागार जेलर करण सिंह शक्तावत ने बताया कि जेल पुलिस का कहना है कि बारां शहर के सुसावन बस्ती निवासी बंदी सुरेन्द्र कोली को कोतवाली पुलिस ने 29 जून को अवैध रूप से हथियार रखने के मामले में न्यायालय के आदेश पर जेल में दाखिल कराया था। जेल दाखिल होते ही उसने तबीयत खराब होने की शिकायत की तो उसे जेल में ही डिस्पेंसरी पर दिखाया। उसके बाद दो व तीन जुलाई को भी जेल डिस्पेंसरी में दिखाया। चार जुलाई को जिला चिकित्सालय में दिखाया। छह व सात जुलाई को भी चिकित्सालय भेजा तो सात जुलाई को उसे कोटा रैफर कर दिया। उसी दिन कोटा से वापस आ गया।
दो दिनों से कोटा था भर्ती
गत 15 जुलाई को फिर जेल ओपीडी में दिखाया। इसी दिन रात को जेल गार्ड ने उसे जिला चिकित्सालय भर्ती कराया। दूसरे दिन 16 जुलाई को जेल गार्ड ने उसे पुलिस गार्ड को सौंप दिया। उसके बाद 17 जुलाई को बारां से कोटा रैफर किया गया। उसके बाद से कोटा मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में ही भर्ती रहा। कोटा में 19 जुलाई की शाम उपचार के दौरान ही उसका दम टूट गया। बाद में जिला कारागार पर सूचना मिली तो उन्होंने परिजनों को घटना की जानकारी दी। परिजन कोटा पहुंचे।
अधीक्षक ने की सिफारिश
कोटा केन्द्रीय कारागार अधीक्षक सुमन मालीवाल ने घटना की न्यायिक जांच की सिफारिश की है। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लिखे पत्र में घटना की न्यायिक जांच के लिए मजिस्टे्रट नियुक्त करने की बात लिखी है।
भाई से की थी शिकायत
वहीं परिजन वार्ड पार्षद विष्णु शाक्यवाल ने बताया कि मृतक सुरेन्द्र शाक्यवाल से गत 16 जुलाई को उसका छोटा भाई भगवान जेल पर मिलने गया था तो उसने पिछले पांच दिनों से खाना नहीं देने की शिकायत करते कहा था कि जल्दी ही उसकी जमानत करा ले। इसके बाद उसे यहां से कोटा शिफ्ट कर दिया, लेकिन सूचना नहीं दी। शुक्रवार शाम को परिजनों को सीधे सुरेन्द्र की मृत्यु होने की सूचना दी गई।
पुलिस ने छोड़ा घर तक
कोटा में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने व दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर मिनी सचिवालय के समक्ष शव रखने की तैयारी थी, लेकिन प्रशासन को भनक लग गई तो कोटा से ही आगे पीछे पुलिस की गाडिय़ा चलती रही। यहां तक टॉयलेट आदि के लिए भी रास्ते में एम्बुलेंस को नहीं रोकने दिया गया। इससे अब शव एम्बुलेंस में ही रखा हुआ है। इधर, इस सूचना पर प्रशासन सतर्क रहा। मिनी सचिवालय पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मय लवाजमे के मौजूद रहे।
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