scriptबारां रेलवे स्टेशन : टिकट खिड़ी पर ताला, गाडिय़ा भर रही फर्राटा | Baran Railway Station: Lock on the ticket window, the train is filling | Patrika News

बारां रेलवे स्टेशन : टिकट खिड़ी पर ताला, गाडिय़ा भर रही फर्राटा

locationबारांPublished: Oct 31, 2021 09:12:13 pm

Submitted by:

Ghanshyam

करीब डेढ़ वर्ष से परेशान हो रहे जिले के रेल यात्री, करंट रिजर्वेशन की सुविधा भी नहीं मिल रही

बारां रेलवे स्टेशन : टिकट खिड़ी पर ताला, गाडिय़ा भर रही फर्राटा

बारां रेलवे स्टेशन : टिकट खिड़ी पर ताला, गाडिय़ा भर रही फर्राटा

बारां. कोविड-19 का वायरस फिलहाल सुस्त होने के साथ ही सरकारी तंत्र चुस्त हो गया तथा संक्रमण काल में अनलॉक की गई सरकारी व्यवस्थाओं और सुविधाओं के विस्तार में शिथिलता दी जा रही है। लम्बी दूरी की अधिकांश ट्रेनों का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। कई रेलवे स्टेशनों पर तत्काल आरक्षण के लिए खिड़कियां खोल दी गई है, लेकिन बारां जिले के यात्रियों के साथ सौतेला सा बर्ताव किया जा रहा है। यहां से गुजरने वाली तीन प्रमुख नियमित यात्री गाडिय़ों को अब तक बंद किया हुआ है। इसके अलावा जनरल टिकट खिड़की पर भी ताला लटका है। ऐसे में लोगों को यात्रा शुरू करने से एक दिन पहले आरक्षण कराना पड़ रहा है तो इमरजेंसी की स्थिति में यात्रियों को खासी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन रेलवे की ओर से यात्रियों की पीड़ा को अनदेखा किया जा रहा है।
यात्रा शुरू व समाप्त करने में भी परेशानी
रेलवे की ओर से कोरोनाकाल में बंद की गई ट्रेनों को अनलॉक के बाद अधिकांश ट्रेनों को स्पेशल के नाम से शुरू किया गया तो उनके ठहराव कम कर दिए गए। पहले कोटा-रूठियाई सेक्शन सभी प्रमुख स्टेशनों पर अधिकांश ट्रेनों का ठहराव रहता था, लेकिन स्पेशल के नाम से शुरू की गई ट्रेनों का कुछ स्टेशनों पर ही ठहराव किया जा रहा है। अन्ता समेत कई प्रमुख बड़े छोटे स्टेशनों से ट्रेन सरपट दौड़ते हुए निकल रही है। गांव, कस्बों के लोगों को रेल यात्रा शुरू करने के लिए बारां रेलवे स्टेशन पहुंचना पड़ रहा है। वहीं, बाहर से यात्रा कर लौटने वाले अटरू, कवाई, अन्ता के यात्रियों को बारां रेलवे स्टेशन पर ही यात्रा समाप्त करनी पड़ रही है। यहां उतरने के बाद निजी साधनों से जाना पड़ रहा है।
आरक्षण के लिए भी दुविधा
सेक्शन पर रेलवे की ओर से मात्र चार स्टेशन अन्ता, बारां, सालपुरा व छबड़ा रेलवे स्टेशन पर ही आरक्षण टिकट खिड़की खोली हुई है। इससे आसपास के कई गांव, कस्बों के लोगों को यात्रा शुरू करने से पहले आरक्षण कराने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही है। आरक्षण कराने के बाद यात्रा शुरू करने के लिए उससे भी अधिक दूर तक जाना पड़ रहा है। कुछ ट्रेनों का छबड़ा में ठहराव होने से वहां के यात्रियों को जरूर कुछ राहत है, लेकिन अन्य अधिकांश ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से वहां के लोगों को भी दिक्कत हो रही है।
यह तीनों गाडिय़ा हैं बंद
कोटा-रूठियाई सेक्शन में कोरोना से पहले संचालित कोटा-जबलपुर, कोटा-बीना व कोटा-ग्वालियर-भिंड तीनो ट्रेनों का संचालन बंद है। इन ट्रेनों को अन्य ट्रेनों के साथ कोरानाकाल में बंद किया गया था। देशभर में अनलॉक घोषित किया गया तो अधिकांश ट्रेनों को स्पेशल के नाम से पुराने ट्रेन नम्बरों के आगे जीरो लगाकर शुरू कर दिया गया, लेकिन इन तीनों ट्रेनों का तो जीरो लगाकर स्पेशल ट्रेन के नाम से भी संचालन नहीं किया जा रहा है। करीब डेढ़ वर्ष से तीनों ट्रेनों की आवाजाही ठप है। जबकि तीनों ट्रेने बारां जिले के यात्रियों के काफी मुफीद है। इनमें लोकल सवारी सहजता से सफर करती थी।
मशीन ही शुरू करें रेलवे
सूत्रों का कहना हे कि रेलवे की ओर से कोटा रेलवे स्टेशन पर तो तत्काल आरक्षण टिकट खिड़की खोली हुई है, लेकिन बारां, अन्ता, सालपुरा व छबड़ा रेलवे स्टेशनों पर तो यह भी शुरू नहीं की जा रही है। वहीं, सामान्य टिकट खिड़की शुरू नहीं करने के अलावा यूटीएस (अन रिजर्वेशन टिक्टिंग सिस्टम) से टिकट बिक्री भी शुरू नहीं की जा रही है। यूटीएस मशीन से बिक्री शुरू होने से यात्रियों को ट्रेन पहुंचने से पहले सामान्य टिकट प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इससे नियमित अप-डाउन करने वाले यात्रियों को भी खासी असुविधा हो रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो