बेटी बचाने को 10 माह में नहीं हुआ एक भी कार्यक्रम
बारांPublished: Jan 20, 2019 09:09:00 pm
केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में बारां जिले को शामिल किए अब करीब नौ माह का समय हो गया, लेकिन अब तक जिले में इस योजना के तहत एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।
बेटी बचाने को 10 माह में नहीं हुआ एक भी कार्यक्रम
महिला अधिकारिता विभाग
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
बारां. केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में बारां जिले को शामिल किए अब करीब नौ माह का समय हो गया, लेकिन अब तक जिले में इस योजना के तहत एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। जबकि सरकार की ओर से योजना के तहत बेटियों को संरक्षण प्रदान करने व उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने को लेकर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के लिए करीब 23 लाख 96 हजार का बजट उपलब्ध कराया हुआ है।
तय किया, लेकिन कार्यक्रम नहीें किया
योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 11 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, की थीम पर जिला स्तर पर पहला कार्यक्रम करने की रूपरेखा तैयार की तथा कवि सम्मेलन आयोजित कर गीत कविताओं के माध्यम से बेटी बचाने की मुहिम को आगे बढ़ाने का कार्यक्रम तय किया, लेकिन कार्यक्रम ही नहीं किया गया। हालांकि इसे लेकर कुछ तैयारी की गई थी, लेकिन वह दिखावा तक ही सीमित होकर रह गई।
मार्च में शामिल हुआ था बारां
सूत्रों का कहना है कि जनवरी 2015 में देश के निम्न लिंगानुपात वाले सौ प्रमुख जिलों में यह योजना शुरू की गई थी। इसके बाद 8 मार्च 2018 को बारां समेत प्रदेश के 19 जिलों को इसमें शामिल किया गया। उसके बाद यहां जिला स्तर पर एक बार टास्क फोर्स की बैठक जरूर हुई, लेकिन 20 जनवरी 2019 तक करीब दस माह की अवधि के दौरान सार्वजनिक स्तर पर आमजन को जोड़ते हुए एक भी जागरूकता कार्यक्रम नहीं किया गया।
मार्च 2018 में जिले में योजना लागू की गई। इसके बाद 11 अक्टूबर को जिला स्तर पर कवि सम्मेलन आयोजन की तैयारी की गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से कार्यक्रम निरस्त किया गया। अब कर जागरूकता के तहत 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की चतुर्थ वर्षगांठ मनाई जाएगी।
हरिशंकर नुवाद, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता (कार्यवाहक)