scriptBlack buck , गीली मिट्टी में पांव ठहरते नहीं , एक बार फिसले तो समझो काल पीछे पड़ गया | black buck injured by dogs, black buck, | Patrika News

Black buck , गीली मिट्टी में पांव ठहरते नहीं , एक बार फिसले तो समझो काल पीछे पड़ गया

locationबारांPublished: Jul 08, 2019 04:31:06 pm

Black buck बारां. गीली मिट्टी में पांव ठहरते नहीं , एक बार फिसले तो समझो काल पीछे पड़ गया। हम बात कर रहे हैं बारां जिले के ग्रामीण इलाकों की। ग्रामीण इलाकों में Black buck काले हरिण बहुतायत में हैं। यह बरसात में कुंलांचे मार नहीं पाते। कारण इनके खुर जमीन में फिसल जाते हैं।

black buck

black buck

गीली मिट्टी में पांव ठहरते नहीं , एक बार फिसले तो समझो काल पीछे पड़ गया

बारां. गीली मिट्टी में पांव ठहरते नहीं , एक बार फिसले तो समझो काल पीछे पड़ गया। हम बात कर रहे हैं बारां जिले के ग्रामीण इलाकों की। ग्रामीण इलाकों में काले हरिण बहुतायत में हैं। यह बरसात में कुंलांचे मार नहीं पाते। कारण इनके खुर जमीन में फिसल जाते हैं। ऐसे में गांवों के श्वान झुंड़ में इन पर हमला बोल देते हैं। पिछले १५ दिवस में ही पांच से छह हरिण श्वानों के हमले के शिकार हो चुके हैं। पिछले दिनों में कुछ दम भी तोड़ चुके हैं। हरिणों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस संरक्षित वन्य जीव की सुरक्षा को लेकर उदासीन बने हुए हैं। हालांकि गांवों के वन्य जीव प्रेमी अवश्य ऐसी घटना होते ही काले हरिणों व अन्य हरिणों को बचाने दौड़ पड़ते हैं। लेकिन वन विभाग के ध्यान नहीं देने से यह संरक्षित जीव लगातार कम होता जा रहा है।
बारां. दौलतपुरा गांव में आज सुबह ग्रामीणों ने स्वानो से एक हरिण को बचाया।
दौलतपुरा गांव के ही सुरेश ने बताया कि सुबह गांव के समीप ही खेतों में कुछ स्वान एक हरिण के पीछे पड़े हुए थे । गांव वालो ने देखा तो पत्थर मारकर स्वानो को भगाया। व हरिण को उनके चंगुल से छुड़ा कर यहां सूचना दी।
सूचना मिलने पर भाजपा कार्यकर्ता बद्रीप्रसाद मेघवाल ने तुरंत सदर थाना, कंट्रोल रूम से बात कर वन अधिकारी के नंबर लिए व घटना से अवगत कराया। तथा वन अधिकारी दीपक गुप्ता को पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने तुरंत टीम को मौके पर भिजवा कर वन विभाग बारां कार्यालय लाने की बात कही हरिणों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस संरक्षित वन्य जीव की सुरक्षा को लेकर उदासीन बने हुए हैं। हालांकि गांवों के वन्य जीव प्रेमी अवश्य ऐसी घटना होते ही काले हरिणों व अन्य हरिणों को बचाने दौड़ पड़ते हैं। लेकिन वन विभाग के ध्यान नहीं देने से यह संरक्षित जीव लगातार कम होता जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो