Atm forgery इधर आई जी अपराध रोकने की नसीहत दे रहे थे, उधर ठग बारां में धावा बोल रहे थे। एक ही दिन में तीन वारदात,कार्ड बदलकर निकाले 56 हजार
बारांPublished: Jun 25, 2019 03:16:29 pm
Atm forgery -बारां.शहर में कल जिस समय जिले भर का पुलिस महकमा कोटा रेन्ज के आईजी की आवभगत में जुटा हुआ था। उसी समय शहर में शातिर बदमाशों का गिरोह ठगी की वारदातो को अंजाम दे रहा था।शातिर बदमाशों ने विभिन्न एटीएमो पर करीब आधा दर्जन भोले-भाले लोगों के कार्ड बदलकर रुपए निकाल लिए। जिसका पुलिस ने कल सिर्फ परिवाद ही दर्ज किया था। आज दोपहर बाद पुलिस ने उन सभी पीड़ितों की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
इधर आई जी अपराध रोकने की नसीहत दे रहे थे, उधर ठग बारां में धावा बोल रहे थे। एक ही दिन में तीन वारदात,कार्ड बदलकर निकाले 56 हजार शहर में कल जिस समय जिले भर का पुलिस महकमा कोटा रेन्ज के आईजी की आवभगत में जुटा हुआ था। उसी समय शहर में शातिर बदमाशों का गिरोह ठगी की वारदातो को अंजाम दे रहा था।
शातिर बदमाशों ने विभिन्न एटीएमो पर करीब आधा दर्जन भोले-भाले लोगों के कार्ड बदलकर रुपए निकाल लिए। जिसका पुलिस ने कल सिर्फ परिवाद ही दर्ज किया था। आज दोपहर बाद पुलिस ने उन सभी पीड़ितों की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
जांच अधिकारी भंवर सिंह राणावत ने बताया कि बैंकों से फुटेज जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जा सकेगी।
शहर में कल एटीएम ठगों ने मानो धावा बोल दिया हो।
यहां तीन जनों को झांसे में लेकर शातिर बदमाशों ने उनके खातों से रुपए निकाल कर आंखों में धूल झोंक कर फरार हो गए। इनमें तीन जने शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाने गए। लेकिन पुलिस ने परिवाद ही दर्ज किए थे। इनके खातों से ₹56000 निकाले गए हैं। जो ठगी का शिकार हुए उन्हें काफी देर बाद पता चला कि उनके एटीएम भी बदल दिए गए हैं।शातिर बदमाशों ने विभिन्न एटीएमो पर करीब आधा दर्जन भोले-भाले लोगों के कार्ड बदलकर रुपए निकाल लिए। जिसका पुलिस ने कल सिर्फ परिवाद ही दर्ज किया था। आज दोपहर बाद पुलिस ने उन सभी पीड़ितों की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।उल्लेखनीय है कि जिले भर में एटीएम से ठगी की सैकड़ों वारदातें हो चुकी है। इसके साथ अन्ता और छबड़ा में इन्हीं दिनों में साइबर क्राइम की कई वारदातें हो चुकी है। ठग सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। पुलिस के पास इन मामलों को लेकर जब पीडि़त जाता है तो पुलिस मामले तक दर्ज नहीं करती। पुलिस की साइबर सेल पूरी तरह से निष्क्रिीय बनी हुई है।