कहने को उपतहसील, हालात गांव जैसे, मूलभूत सुविधाओं से वंचित है कवाई
उपतहसील बना पर विकास का सपना अधूरा
बारां
Published: February 24, 2022 12:22:12 pm
कवाई. कस्बे को वैसे तो उपतहसील के नाम से भी जाना जाता है। जिले की अटरू तहसील के सबसे बड़े कस्बे कवाई को पिछले एक दशक से उपतहसील तो बना दिया गया, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिला। अगर विकास की बात की जाए तो कस्बे में पावर प्लांट के अलावा कुछ नहीं है।
वैसे तो कवाई कस्बे को चौतरफा से सड़कों ने जाल में जकड़ा हुआ है। कस्बे से होकर निकल रहे स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे से राहगीरों की आवाजाही तो होती है, लेकिन यहां बसें खड़ी होने के लिए बस स्टैंड तक नहीं है। आज भी लोगों को यहां से यात्रा करने के लिए मुख्य चौराहे पर ही घंटों खड़े रहना पड़ता है। मुख्य चौराहे पर सवारियां बिठाने के लिए कई बार बसें लंबे समय तक खड़ी रहती हैं। इसे 24 घंटे में कई मर्तबा जाम के हालात बनते रहते हैं। वही 2 वर्ष पहले अदानी द्वारा लगाई गई रोड लाइटें बंद पड़ी हैं। सरकार एवं ग्राम पंचायत ने कस्बे में एक भी रोड लाइट नहीं लगवाई। जबकि कस्बा करीब 3 किमी की परिधि में फैला हुआ है। बच्चों के खेलने की बात की जाए तो कस्बे में ओपन जिम की कमी भी खलती है। तीन वर्ष पहले तत्कालीन थाना प्रभारी की अनुशंसा पर विधायक कोष से कस्बे में 8 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। दो साल से यह भी बंद हैं।
विधायक का गांव भी करीब
उल्लेखनीय है कि विधायक पानाचंद मेघवाल का गांव यहां से महज 3 किमी दूर है। कस्बेवासी सहित क्षेत्र वासियों को कस्बे के विकास को लेकर उनसे बहुत उम्मीदें थी। दो बार विधायक बनने के बावजूद भी कस्बा अब तक विकास की राह देख रहा है। हालांकि उनके द्वारा ही शुरुआती कार्यकाल में कस्बे को उपतहसील का तोहफा दिया गया था।

कहने को उपतहसील, हालात गांव जैसे, मूलभूत सुविधाओं से वंचित है कवाई
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