वाल्व सुधारने में सड़क पर व्यर्थ बहा दिया सवा छह लाख लीटर पेयजल ,कई इलाकों में नहीं हुई जलापूर्ति
बारांPublished: Feb 19, 2020 04:30:18 pm
वाल्व सुधारने में सड़क पर व्यर्थ बहा दिया सवा छह लाख लीटर पेयजल ,कई इलाकों में नहीं हुई जलापूर्तिबारां. शहर में पेयजल वितरण तंत्र की प्रभावी निगरानी नहीं होने से व्यवस्था प्रभावित होती जा रही है। उपभोक्ताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वाल्व सुधारने में सड़क पर व्यर्थ बहा दिया सवा छह लाख लीटर पेयजल ,कई इलाकों में नहीं हुई जलापूर्ति
बारां. शहर में पेयजल वितरण तंत्र की प्रभावी निगरानी नहीं होने से व्यवस्था प्रभावित होती जा रही है। उपभोक्ताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी सुबह पेयजलापूर्ति के समय अघोषित रूप से बिजली बंद की जा रही है तो कभी जलदाय विभाग की लाइनों से रिसाव हो रहा है तो कभी टंकियों के वॉल्व स्लिप हो रहे हंै। मंगलवार सुबह भी एक टंकी का वॉल्व खराब होने से शहर के विभिन्न इलाकों में पेयजल वितरण व्यवस्था प्रभावित रही। घरों पर नल नहीं टपके तो लोगों ने इधर-उधर से पेयजल का बंदोबस्त किया। विभाग की ओर से करीब सवा छह लाख लीटर पानी की भरी हुई टंकी को सड़कों पर बहाकर खाली किया गया। इसके बाद वाल्व को दुरुस्त किया गया।
इन इलाकों में नहीं हुई आपूर्ति
विभाग की ओर से शहर की मुख्य सब्जी मंडी पुलिस कोतवाली के समीप दो टंकियां बनाई हुई है। दोनों टंकियों से रोजाना सुबह साढ़े सात बजे से पुराने बारां शहर में पेयजल वितरण किया जाता है। मंगलवार सुबह नई टंकी से जलापूर्ति करने के लिए खोलते समय वाल्व स्लिप हो गया। इससे वाल्व नहीं खुला तो इस टंकी से जुड़े क्षेत्र चौमुखा बाजार, श्रीजी चौक, मरदानबेग चौक, पुराना अस्पताल, बांडाजी की टेक, मठकोटा, गायत्री मंदिर, गढ़ कॉलोनी व राजपुरा वार्ड के कुछ इलाकों में जलापूर्ति नहीं हुई। लोग पानी के इंतजार में नलों के सामने बैठे रहे।
अरसे बाद भी नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था
सूत्रों का कहना है कि बेहतर व्यवस्था के तहत टंकियों से आपूर्ति करने के लिए एक वॉल्व की अतिरिक्त व्यवस्था रखनी चाहिए। एक वाल्व खराब होने की स्थिति में वैकलिपक व्यवस्था के तहत दूसरे वाल्व से आपूर्ति की जा सके। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके अलावा वाल्व को ठीक करने के लिए टंकी को खाली करने की आवश्यकता भी नहीं रहे, लेकिन विभाग के जेईएन, एईएन की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर की कई टंकियों पर एक-एक वाल्व ही लगे हुए हंै। वाल्व भी लोहा व स्टील के बनाकर लगाए जा रहे। इस तरह के वाल्व क्लोरीन व ब्लीचिंग के सम्पर्क में आने से ज्यादा नहीं चल पा रहे हैं। जबकि पूर्व में गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए पीतल के वाल्व ही लगाए जाते थे।
& टंकी पर दो वाल्व होना चाहिए, यह सही है। वाल्व होता तो टंकी को खाली नहीं करना पड़ता। अब एक और वाल्व लगाने का प्रयास किया जाएगा। फिलहाल खराब हुए वाल्व को दुरुस्त करा दिया है। अब बुधवार सुबह जलापूर्ति सुचारू होगी।
डालूराम मेहता, एईएन, जलदाय विभाग