हाथ न हथियार, कैसे पड़े पार, जलदाय महकमे में कागजों में स्वीकृत हैं पद अब पेयजल वितरण के लिए भी अपना रहे ठेका प्रणाली
बारांPublished: Sep 14, 2018 04:00:03 pm
पेयजल योजनाओं के संचालन करने वालों को तैनात करने में उदासीनता बरती जा रही है।
बारां. जिले में अक्सर पेयजल को लेकर समस्या रहती है, लेकिन विभाग की ओर से पेयजल योजनाओं के संचालन करने वालों को तैनात करने में उदासीनता बरती जा रही है। इससे जिला मुख्यालय पर तो बारिश के मौसम में भी लोगों को पेयजल के लिए तरसने की नौबत आ गई। यहां गर्मी कि दिनों में तो जिला मुख्यालय समेत कुछ कस्बों में एकांतरे पानी मिला है तो अटरू व कस्बाथाना क्षेत्र के लोगों को 7-8 दिनों में एक बार जलापूर्ति की गई। जिले के बारां, किशनगंज व शाहाबाद में एक भी एईएन नहीं है। अटरू में स्वीकृत 12 में से चार पद खाली है। यहां करीब एक वर्ष से जेईएन नहीं है। गर्मी के दिनों में लगाए गए जेईएन को हटा लिया गया। जिले में तीन एईएन व पांच जेईएन समेत 85 पद खाली हैं।
ग्रामीण जल योजना ठेके पर
ग्रामीण जल योजना सारथल व हरनावदाशाहजी में (एक पम्प चालक, तीन सहायक) कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में जल योजना का संचालन ठेके से किया जा रहा है। इसी तरह अटरू, कवाई व सकतपुर ग्रामीण जल योजनाओं पर तकनीकी संवर्ग के (तीन पम्प चालक, चार सहायक) कर्मचारियों के सेवानिवृत्त व मृत्यु होने के बाद समाप्त कर दिए गए। ग्रामीण जल योजनना जैपला एवं कडैयानोहर का संचालन भी ठेके पर है। यहां नियुक्त दो पम्प चालक व दो सहायक सेवानिवृत्त होने के बाद से किसी को नियुक्त नहीं किया गया।
छबड़ा, छीपाबड़ौद के यह हैं हाल
छबड़ा खंड में एईएन मॉनिटरिंग व ओएस के पद स्वीकृति से ही रिक्त है। लेखाकार का एक पद पांच माह से खाली है। लिपिक ग्रेड प्रथम, स्टेनो व वाहन चालक के एक-एक, चतुर्थश्रेणी के दो पद रिक्त हंै। छबड़ा उपखंड कार्यालय में ओ ए व जेईएन ग्रामीण का पद भी स्वीकृति से ही रिक्त हैं। विद्युतकर्मी, मीटर रीडर व फिटर के एक-एक, पम्प चालक द्वितीय के तीन, सहायक, चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के पद खाली है। छीपाबड़ौद में एक जेईएन समेत कुल 15 पद स्वीकृत है, लेकिन इनमें से नौ पद खाली है। जेईएन तो करीब पांच वर्षो से नहीं है।