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कालामौखा पर दूसरे दिन भी नहीं मिल पाया काम करने का ‘मौका, नहीं जुड़ी कालामौखा नाले की पेयजल लाइन

locationबारांPublished: Sep 11, 2018 03:23:47 pm

मुख्य पम्प हाउस तक आ रही 24 इंची मुख्य पाइप लाइन उखडऩे से सोमवार को शहर में पेयजल आपूर्ति नहीं हुई।

कालामौखा पर दूसरे दिन भी नहीं मिल पाया काम करने का 'मौका, नहीं जुड़ी कालामौखा नाले की पेयजल लाइन

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बारां. जलदाय विभाग की हीकड़दह से शहर के अटरू रोड स्थित मुख्य पम्प हाउस तक आ रही 24 इंची मुख्य पाइप लाइन उखडऩे से सोमवार को शहर में पेयजल आपूर्ति नहीं हुई। लोगों को बारिश के दिनों में भी पेयजल के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों के साथ सोमवार सुबह से ही कालामौखा नाले पर लाइन दुरूस्त करने में जुटे रहे। प्रयास कर दोपहर तक लाइन जोड़ दी गई थी, लेकिन टेस्टिंग के दौरान वापस पाइप खुल गए। इसके बाद दुबारा जोड़कर मजबूत सपोर्ट लगाने में ही रात हो गई। इससे अब मंगलवार सुबह दूसरे दिन भी शहर में जलापूर्ति नहीं होगी। बारिश से 8 सितम्बर की रात यह लाइन टूट गई थी। इससे रविवार को आंशिक जलापूर्ति ही हुई थी।
फिसलन से हो रही है परेशानी
कालामौखा नाले तक पहुंचने का रास्ता भी बारिश से खराब हो रहा है। यहां कीचड़ व फिसलन से पैदल रास्ता पार करने में खासी परेशानी हो रही है। शहर से कालामौखा तक पहुंचने के लिए मंडोला रोड रेलवे फाटक से रेलवे ट्रेक के सहारे करीब एक किलोमीटर चलना पड़ता है। इसी तरह आबकारी थाने के पीछे से भी करीब एक किलोमीटर पैदल ही रास्ता है। विभाग के एसीई गोपेश गर्ग, एक्सईएन हजारीलाल मीणा, एईएन निरंजन शर्मा, जेईएन बालानी व फिटर अशोक गालव आदि सोमवार सुबह से मौके पर डटे रहे।
टैंकर व बूस्टिंग से पहुंचाया पानी
विभाग की ओर से शहर में लंका कॉलोनी के चरीघाट, मधुवन रिसोर्ट के समीप, नगरपालिका कॉलोनी, अस्पताल रोड स्थित कृष्णा कॉलोनी व खजूरपुरा बस्ती में पांच टैंकर पानी की आपूर्ति की गई। वहीं आमापुरा, बाबजीनगर, शाहाबाद रोड, तालाब पाड़ा कोली समाज मंदिर, माथना तिराहा एवं श्रमिक कॉलोनी के कुछ क्षेत्र में विभाग की ट्यूबवैल से बूस्टिंग कर आपूर्ति की गई। इसके अलावा दो ट्यूबवेल का पानी एकत्र कर सब्जीमंडी के पुराने टैंक को भरा गया तथा सुबह उससे जुड़े इन्दिरा मार्केट समेत कुछ इलाकों में जलापूर्ति की गई। इससे उक्त क्षेत्र में राहत रही, लेकिन शेष शहर में लोग पेयजल के लिए तरसते रहे। लोगों का कहना है कि बारिश की शुरुआत में २१ जुलाई को भी यह लाइन टूट गई थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उदासीनता बरती।

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