हजारों टन लोहे व गर्म राख में दबा है दिनेश
ईएसपी गिरने के बाद उसमें नीचे दबे के भीलवाड़ा ऊंचा निवासी दिनेश मेहता (25) को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं थर्मल प्रशासन को सुरक्षित निकालने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घटनास्थल पर मौजूद एनडीआरएफ की टीम के सदस्य ने बताया कि हजारों टन लोहे से बना यह ढांचा जटिल है। इसमें भरी राख के बीच दिनेश की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। अभी राख को पानी से एवं ढांचे को काट दिनेश तक पहुंचने के प्रयास किए जा रहे हैं। दिनेश के सुरक्षित बाहर आने की उम्मीद में परिजन घटनास्थल पर मौजूद हैं। लगातार हो रही देरी के बाद उनका भी धैर्य टूटता जा रहा है।
रेस्क्यू में देरी पर श्रमिकों ने किया प्रदर्शन
रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाते हुए श्रमिकों ने थर्मल के मुख्य गेट पर जाम लगा दिया। वे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने एवं घटनास्थल पर जाने की मांग कर रहे थे। मौके पर डीवाईएसपी ओमेंद्र सिंह शेखावत, छबड़ा, बापचा एवं अन्य थानों के पुलिस अधिकारी एवं जवानों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। बाद में इन श्रमिकों, जनप्रतिनिधियों व युवक दिनेश मेहता के परिजनों के दल को घटनास्थल पर ले जाया गया। तब जाकर मामला शांत हुआ।
हादसे के बाद थर्मल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईएसपी सिस्टम ढह जाने के कारण प्रशासन को 200 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। हालांकि प्रशासन द्वारा पूरे प्लांट का इंश्योरेंस कराया हुआ है, जिसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को सूचित भी कर दिया गया है।