देश के कई बड़े शहरों की तर्ज पर बारां के स्कूल में भी होगी पढ़ाई
बारांPublished: Jan 15, 2019 11:46:50 am
बार-बार पढऩे के बाद भी ज्ञान को भूल जाने वाले जीव व कृषि विज्ञान के छात्र-छात्राओं के साथ कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्र-छात्राओं को पढऩे व समझने में अब ज्यादा मजा आएगा। इनके लिए कोटा रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एनवायरमेंट ईको फ्रेंडली बायोलोजिकल टेक्नीक (एबीक्यू) पार्क विकसित हो रहा है।
Environmental Eco Friendly Biological Technique ABQ Park in School
बारां. बार-बार पढऩे के बाद भी ज्ञान को भूल जाने वाले जीव व कृषि विज्ञान के छात्र-छात्राओं के साथ कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्र-छात्राओं को पढऩे व समझने में अब ज्यादा मजा आएगा। इनके लिए कोटा रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एनवायरमेंट ईको फ्रेंडली बायोलोजिकल टेक्नीक (एबीक्यू) पार्क विकसित हो रहा है। इसमें छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के अलावा जीव, जन्तुओं व पेड़-पौधों के बीच ले जाकर अध्ययन भी कराया जाएगा, जिससे उन्हें पाठ ज्यादा अच्छी तरह से समझ आएगा। इससे उन्हें पढ़ाई बोर भी नहीं लगेगी। उक्त पार्क को विकसित करने के लिए कार्य शुरू हो गया है। इस पार्क का मॉडल देहरादून, मसूरी, बेंगलुरु व लखनऊ जैसे बड़े शहरों के निजी स्कूलों से लिया गया है।
आर्टिफिशियल होंगे पक्षी व जानवर
यह पार्क स्कूल की दो पुरानी बावडिय़ों व पुराने कुएं को घेरकर करीब ५५सौ स्क्वायर फीट में बनाया जा रहा है। बावडिय़ों को चारों तरफ से ढक्कर फ्लावर पोर्ट की आकृति दी गई है। इसमें पेड़-पौधे लगाने के साथ उप पर कबूतर, चिडिय़ां आदि आर्टिफिशियल पक्षियों के साथ शेर जैसे जानवर भी रखे जाएंगे। बच्चों को खेल-खेल में इनके बारे में जानकारी दी जाएगी, जो उनके दिमाग से विस्मृत नहीं होगी। पार्क के कुछ हिस्से को गैलेरीनुमा कांच या फिर जली से कवर किया जाएगा। इससे छात्र आसानी से चीजों को समझेंगे।
ऐसे करेंगे अध्ययन
स्कूल में कक्षा 11वीं व 12वीं में 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं। पार्क में कांच के शो केस में अलग-अलग प्रजाति की मछलियां रखी जाएंगी। जीव व कृषि विज्ञान के विशेषज्ञों की राय से अलग-अलग पौधे लगाए जाएंगे, जिससे छात्र-छात्राएं पेड़ों में होने वाले रोग, बढ़त, कोशिकाओं, फुलवारी, क्यारी, केचुएं की खाद बनाने आदि की जानकारियां मिल सकेंगे। जीव विज्ञान वाले छात्र-छात्राएं भी जीव जन्तुओं का रहन सहन, आचार विचार सहित अन्य जानकारियां ले पाएंगे। उक्त पार्क में बैठने के लिए बैंचें लगाई जाएंगी, जहां पर छात्र-छात्राएं बैठकर अध्ययन कर पाएंगे।
एबीक्यू बायोपार्क विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां पर खाद डलवाकर विशेष पौधे लगाए गए हैं। पार्क के विकास के लिए भामाशाह सहित अन्य संस्थाओं से सहयोग ले रहे हैं। यह पार्क देश के बड़े शहरों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
चंद्रेश शर्मा, प्रधानाचार्य, राउमावि, कोटा रोड, बारां