scriptराजनीति में सबको मिले समान अवसर | Equal opportunities to everyone in politics | Patrika News

राजनीति में सबको मिले समान अवसर

locationबारांPublished: Mar 18, 2019 09:06:45 pm

Submitted by:

Mahesh

अन्ता. राजनीति में पारदर्शिता के साथ ही स्वार्थ की भावना ना हो तभी देश का भला हो सकेगा। आज की राजनीति तो अपना घर भरने का साधन बन गई है। ऐसे में देश के विकास की जगह जन प्रतिनिधियों का निरंतर विनाश होता जा रहा है।

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अन्ता. राजनीति में पारदर्शिता के साथ ही स्वार्थ की भावना ना हो तभी देश का भला हो सकेगा। आज की राजनीति तो अपना घर भरने का साधन बन गई है।

अन्ता. राजनीति में पारदर्शिता के साथ ही स्वार्थ की भावना ना हो तभी देश का भला हो सकेगा। आज की राजनीति तो अपना घर भरने का साधन बन गई है। ऐसे में देश के विकास की जगह जन प्रतिनिधियों का निरंतर विनाश होता जा रहा है।
यह बात यहां पत्रिका चेंजमेकर अभियान के अन्तर्गत हुई बैठक के दौरान एक दर्जन से अधिक युवाओं ने कही। समाजसेवी श्याम सोनी बडग़ांव, मुकेश गुप्ता, चन्दू माहेश्वरी, ओम गोचर ने कहा कि धनबल के बिना चुनाव लडऩा टेढ़ी खीर साबित हो गया है। कई लोग लोभ, लालच, जाति, धर्म के आधार पर वोट देते हैं। यह परिपाटी समाप्त होने पर ही अच्छे लोग राजनीति में आ पाएंगे। बैठक में राजनीति के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें अधिकांश युवाओं का आक्रोश निकलकर सामने आया। निरंजन बत्रा, राजेन्द्र सिंघल, अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकांश महिलाएंं भी राजनीति में प्रवेश करने से हिचकिचाती हैं। उनके परिवारजन भी इजाजत नहीं देते। जबकि आज हर क्षेत्र में महिलाओं का बोलबाला है। ऐसे में सोच बदलनी होगी। पूरी दमदारी एवं निडरता से महिलाएं यदि राजनीति के क्षेत्र में आएं तो पुरुषों के वर्चस्व को समाप्त किया जा सकेगा। इस दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि राजनीति में सभी के प्रयास से वंशवाद की समाप्ति हो। साहित्यकार नाथूलाल निडर ने सुझाव दिया कि कई दिनों तक लाखों रुपए के खर्च से होने वाले प्रचार-प्रसार की जगह अमेरिका की तर्ज पर प्रत्याशियों को केवल टीवी के माध्यम से अपनी बात कहने का मौका मिले तो राजनीति स्वच्छ होगी। बैठक में समाजसेवी देवेश व्यास, विष्नु कलकल्या, रविन्द्र राठौर, रवि भंडारी, महेन्द्र मालव, विनोद मालव, सोनू सिंह राजपूत आदि भी मौजूद थे।
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