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सफेद मूसली करेगी किसानों को सरसब्ज

क्षेत्र के खेड़ली भैड़ोलियान गांव कुछ युवा किसानों ने सफेद मूसली की खेती के प्रति रुचि दिखाई है। आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इसका कई दवाओं में उपयोग होता है। यह शरीर को बलिष्ठ बनाती है, देश में इसकी जबरदस्त मांग होने से इसके विपणन में दिक्कत नहीं आती, लेकिन इसका सुरक्षित उत्पादन किसानों के लिए बड़ी चुनौती होता है। इसकी देखरेख करना सहज नहीं होता।

बारांOct 14, 2018 / 12:28 pm

Dilip

Farming innovation

बोहत. क्षेत्र के खेड़ली भैड़ोलियान गांव कुछ युवा किसानों ने सफेद मूसली की खेती के प्रति रुचि दिखाई है। आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इसका कई दवाओं में उपयोग होता है। यह शरीर को बलिष्ठ बनाती है, देश में इसकी जबरदस्त मांग होने से इसके विपणन में दिक्कत नहीं आती, लेकिन इसका सुरक्षित उत्पादन किसानों के लिए बड़ी चुनौती होता है। इसकी देखरेख करना सहज नहीं होता।
गांव के किसान सुरेन्द्र मीणा, ललित शर्मा व राकेश मीणा ने बताया कि उन्होंने सफेद मूसली के बारे में काफी सूना था। अन्ता उपखंड क्षेत्र के गुलाबपुरा गांव निवासी एक किसान बीते कई वर्षों से इसका उत्पादन कर अपेक्षित लाभ ले रहा है। इसके बारे में जानकारी मिलने के बाद वे कृषि विज्ञान केन्द्र पहुंचे थे, लेकिन वहां से विशेष सहयोग नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट समेत अन्य संचार साधनों से जानकारी जुटाई। बाद में वे उत्तरप्रदेश के झांसी शहर पहुंचे। जहां उन्होंने वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद सफेद मूसली की पौध की खेत में रोपाई की। अब उनकी मेहनत लहलहाने से वे हर्षित हैं।
मुनाफे पर लिया खेत
इन किसानों ने बताया कि इस फसल को पानी की खासी दरकार रहती है। इसके लिए उन्होंने दो बीघा का वह खेत मुनाफा काश्त पर लिया, जिसमें नलकूप लगा होने के साथ उसका जल स्तर भी अच्छा था। बाद में इसकी पौध खरीद की रोपाई की थी। यह पौध भी काफी महंगी मिली थी। इस सफेद मूसली पकाव की अवस्था में पहुंचने लगी है। उनका कहना है कि दो बीघा में फसल रोपाई के लिए उन्होंने लगभग चार लाख रुपए की पौध खरीदी थी।

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