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फायर ब्रिगेड बुलाई गई। तब जाकर दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकी

locationबारांPublished: Apr 17, 2018 05:35:04 pm

अन्ता. निकटवर्ती ग्राम मौलखी में सोमवार को हुई एक वृद्ध की मौत के बाद अंतिम संस्कार की जगह के लाले पड़ गए। ऐसे में फायर ब्रिगेड बुलाई गई।

आ गई परेशानी,रीत गए जलस्रोत, भटके वन्य जीव

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अन्ता. निकटवर्ती ग्राम मौलखी में सोमवार को हुई एक वृद्ध की मौत के बाद अंतिम संस्कार की जगह के लाले पड़ गए। ऐसे में फायर ब्रिगेड बुलाई गई। तब जाकर दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकी। दरअसल इस गांव में अंतिम संस्कार किए जाने की स्थायी जगह नहीं है। लम्बे समय से चली आ रही इस समस्या के कारण गांव में किसी की मौत होने पर एक निजी खातेदार की जमीन पर दाह संस्कार किया जाता है, लेकिन इन दिनों इस भूमि के आस-पास गेहूं की फसल एवं नौलाइयों में आग लगने की आशंका के चलते सोमवार को ग्रामवासी रामकिशन मेघवाल (६०) का अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर परेशानी खड़ी हो गई। ऐसे में पुलिस को सूचना देने पर यहां से एनटीपीसी की दमकल भेजी गई। दमकल ने एक चिन्हित जगह के आसपास पानी का छिड़काव किया। तब जाकर लगभग चार घंटे बाद अंतिम संस्कार की रस्म पूरी हो सकी। उल्लेखनीय है कि गत् माह भी इसी परेशानी के कारण ग्रामीणों को एक जने का दाह संस्कार करने के लिए तीन बार जगह बदलनी पड़ी थी। ग्रामवासियों के अनुसार खेतों में खड़ी फसल एवं बरसात के दिनों में अंतिम संस्कार करने के लिए इसी तरह की परेशानी का सामना उन्हें काफी समय से करना पड़ रहा है, लेकिन जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान कई बार दिलाए जाने के बावजूद मुक्तिधाम के लिए स्थायी जगह आवंटित करने सहित वहां टीनशेड, चबूतरा बनाए जाने की मांग पूरी नहीं हो पा रही।
(पत्रिका संवाददाता)टीपीसी की दमकल भेजी गई। दमकल ने एक चिन्हित जगह के आसपास पानी का छिड़काव किया। तब जाकर लगभग चार घंटे बाद अंतिम संस्कार की रस्म पूरी हो सकी। उल्लेखनीय है कि गत् माह भी इसी परेशानी के कारण ग्रामीणों को एक जने का दाह संस्कार करने के लिए तीन बार जगह बदलनी पड़ी थी। ग्रामवासियों के अनुसार खेतों में खड़ी फसल एवं बरसात के दिनों में अंतिम संस्कार करने के लिए इसी तरह की परेशानी का सामना उन्हें काफी समय से करना पड़ रहा है, लेकिन जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान कई बार दिलाए जाने के बावजूद मुक्तिधाम के लिए स्थायी जगह आवंटित करने सहित वहां टीनशेड, चबूतरा बनाए जाने की मांग पूरी नहीं हो पा रही।
(पत्रिका संवाददाता)
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