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तीन साल में राशि दोगुनी करने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ऐंठे

locationबारांPublished: Jan 19, 2022 10:14:37 pm

Submitted by:

mukesh gour

कोटा पुलिस कर रही मामलों की जांच, बारां से शुरू किए अपेक्षा ग्रुप में मुख्य सरगना समेत 38 हैं संचालक

तीन साल में राशि दोगुनी करने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ऐंठे

तीन साल में राशि दोगुनी करने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ऐंठे

बारां. कोटा गुमानपुरा पुलिस ने तीन वर्ष में राशि दोगुनी करने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपए हड़प लिए। यह धोखाधड़ी अपेक्षा ग्रुप बनाकर की गई। इस ग्रुप की शुरुआत वर्ष 2012 में बारां के कुछ लोगों ने की थी, बाद में ग्रुप की ओर से कोटा, झालावाड़ व बूंदी में भी कार्यालय शुरू कर लोगों से रुपए ऐंठे गए। पुलिस ने ग्रुप के 38 संचालकों के खिलाफ कुन्हाड़ी व गुमानपुरा थाने में पीडि़तों ने अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए है। पूर्व में कुन्हाड़ी पुलिस ने इस मामले में तीन संचालकों को गिरफ्तार किया था। दो दिन पूर्व गुमानपुरा थाना कोटा पुलिस ने दो संचालकों को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए न्यायालय से रिमांड पर लिया हुआ है। इन दोनों को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
गुमानपुरा थाना प्रभारी लखन लाल मीणा ने बताया कि फरियादी जितेन्द्र सिंह हाड़ा एडवोकेट ने ग्रुप संचालकों के खिलाफ 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पूर्व कुन्हाड़ी थाने दो लोगों ने मुकदमा दर्ज करवाया हुआ था। कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने वहां दर्ज मामले में तीन जनों को गिरफ्तार किया था। जहां गुुमानपुरा थाना पुलिस ने संजय कश्यप व हरिओम सुमन को 17 जनवरी को गिरफ्तार किया था। जिन्हें 18 जनवरी को न्यायालय मेें पेश किया थाञ न्यायालय ने इन्हें पूछताछ के लिए 20 जनवरी तक रिमांड पर सौंपा है। अब इन्हें गुरुवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरम्भिक तौर पर ग्रुप की ओर से 150 से 200 करोड़ रुपए झांसा देकर ऐंठने की जानकारी सामने आ रही है।
बारां निवासी है ग्रुप
का कर्ताधर्ता
ग्रुप की शुरुआत बारां से हुई थी, पहले ग्रुप संचालकों ने एक वर्ष में राशि दोगुनी करने का झांसा देकर जाल में फांसा था। बाद में रकम दो गुना करने की अवधि दो साल की गई और इसे बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया। ग्रुप संचालक जमीन के सौदे में निवेश की जानकारी व मोटे मुनाफे का झांसा देकर लोगों से रुपए ऐंठ रहे थे। इस ग्रुप का मुख्य सरगना बारां निवासी मुरली नामदेव है, जो अभी पुलिस गिरफ्त में नहीं आया है।
कई सरकारी कर्मचारी भी हैं गु्रप में एजेंट
ग्रुप में कई सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं, जो उनके परिजनों को संचालक बनाकर लोगों से निवेश जुटा रहे थे। ग्रुप में कुल 38 संचालक हैं। इनमें कुछ सरकारी कर्मचारियों की गृहणी पत्नियां भी हैं। इस मामले की जानकारी प्रकाश में आने के बाद बारां शहर समेत जिले के निवेशकों में हड़कम्प है।
अब रकम दिलाने
का दे रहे भरोसा
ग्रुप से जुड़े लोग व संचालक अब जिले के निवेशकों को उनकी राशि ब्याज समेत वापस दिलाने का भरोसा दिला रहे हैं, भले ही इन लोगों के भी लाखों रुपए फंसे हुए है। ग्रुप में निवेश के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने वाले कई सरकारी कर्मचारियों ने अब मोबाइल उठाना बंद कर दिया है तो कई ने मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिए हैं। इससे निवेशक उनके घरों पर पहुचने लगे हैं।
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