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रिश्ता कलंक का- भाई ने अपनी ही बहन को बरसों पत्नी बनाकर रखा,बच्चा भी पैदा किया,आठ साल बाद फिर बहन ने वो किया जो कोई सोच नहीं सकता

locationबारांPublished: Jun 16, 2019 03:09:11 pm

रिश्ता कलंक का- भाई ने अपनी ही बहन को बरसों पत्नी बनाकर रखा,बच्चा भी पैदा किया,आठ साल बाद फिर बहन ने वो किया जो कोई सोच नहीं सकता

रिश्ता कलंक का- भाई ने अपनी ही बहन को बरसों पत्नी बनाकर रखा,बच्चा भी पैदा किया,आठ साल बाद फिर बहन ने वो किया जो कोई सोच नहीं सकता

रिश्ता कलंक का- भाई ने अपनी ही बहन को बरसों पत्नी बनाकर रखा,बच्चा भी पैदा किया,आठ साल बाद फिर बहन ने वो किया जो कोई सोच नहीं सकता

रिश्ता कलंक का- भाई ने अपनी ही बहन को बरसों पत्नी बनाकर रखा,बच्चा भी पैदा किया,आठ साल बाद फिर बहन ने वो किया जो कोई सोच नहीं सकता
बारां. अन्ता थाना क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व दर्ज मामला भाइयों ने बहन से किया सामूहिक बलात्कार मामले में पुलिस को जांच में चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। पुलिस ने जांच में पाया कि भाई अपनी बहन को १० वर्ष से पत्नी बनाकर रख रहा था। वह अपनी बहन से ही रोज बलात्कार करता था। इतना ही नहीं बहन के आधार कार्ड व भामाशाह कार्ड तक में पति की जगह पर भाई का नाम दर्ज करा रखा था। इन दोनों की संतान जो आठ वर्ष पूर्व हुई थी उसके पहचान पत्र में भी पिता के स्थान पर भाई का नाम दर्ज है। इस मामले में १० वर्ष तक भआइयों से बलात्कार का शिकार महिला कुछ वर्ष पूर्व किसी अन्य के नाते चली गई। तब जाकर महिला को हिम्मत आई और उसने इस सारे मामले का भंडाफोड़ कर दिया। कानूनी बाध्यता के चलते महिला और उसके भाई की पहचान नहीं दी जा सकती किन्तु यह मामला पुलिस में दर्जहोने के बाद चर्चा में बना हुआ है। कलंकित रिश्तों की इस कहानी के अभी कई पन्ने उजागर होने बाकी है। गैंगरेप प्रकरण में मां जाई बहन को ही उसके भाई ने बीते 10 साल से पत्नी के रूप में साथ रखा। इस बीच इनके एक पुत्र भी हुआ। जो अब आठ साल का है। यह पुत्र अब रिश्ते में लगे अपने मामा को ही पिता के रूप में जानता है। वहीं आरोपी का कहना है कि परिजनों को सब कुछ पता होने के बावजूद अब किसी लोभ में आकर 10 साल बाद प्रकरण दर्ज करा दिया गया। पुलिस उपाधीक्षक जिनेन्द्र जैन के अनुसार पीडि़त महिला के आधार कार्ड एवं भामाशाह कार्ड पर जहां पति के रूप में दूसरे पिता से जन्मे उसके भाई का नाम दर्ज है। वहीं पुत्र के पहचान पत्र में भी पिता भाई ही अंकित है। ऐसे में सामाजिक रिश्तों की इस तोड़ मरोड़ ने पुलिस सहित आम नागरिकों को भी अचम्भित कर दिया है।
मेरा क्या कसूर ……..
सवाल यह भी है कि भाई बहन के रिश्तों से जन्मे उस पुत्र का दोष क्या है। इसका जवाब कोई नहीं दे पा रहा। चंचल स्वभाव का यह बालक जब पिता की गिरफ्तारी के बाद थाने में आकर उससे मिला तो दृश्य बड़ा ही मार्मिक था। बेटा अपने पिता (मामा) के गालों को बार बार चूमकर रोता रहा वहीं आरोपी भी उसे गोद में उठा आखों से बहते आंसू नहीं रोक पाया। प्रकरण दर्ज कराने के बाद इस मासूम की मां किसी के नाते चली गई ओर पिता जेल में। ऐसे में मां बाप से बिछड़े एवं रिश्तों की समझ ना रखने वाले इस बालक को पुलिस ने आरोपी के बड़े भाई को सौंप दिया है।
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