लहसुन किसानों की उम्मीदों पर पड़ी गाठें,तीन किसान पी चुके जहर -परिजनों ने कहा लहसुन का भाव कम था, कर्ज नहीं चुका पा रहे थे
अटरू (बारां). कवाई थाना क्षेत्र के बलदेवपुरा गांव में एक किसान ने विषाक्त खाकर आत्महत्या कर ली।

अटरू (बारां). कवाई थाना क्षेत्र के बलदेवपुरा गांव में एक किसान ने विषाक्त खाकर आत्महत्या कर ली। बुधवार रात्रि को बारां से कोटा ले जाते समय रास्ते में उसका दम टूट गया। परिजनों ने थाने में दी रिपोर्ट में कहा कि लहसुन का भाव कम लगने व कर्ज नहीं चुका पाने से आत्महत्या की गई। जबकि कवाई पुलिस का कहना है कि मृतक के लहसुन की फसल ही नहीं थी। मतृक के पुत्र मेघराज द्वारा थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि उसके पिता चतुर्भज मीणा (५८) तीन-चार दिन पहले लहसुन बेचने छीपाबड़ौद मंडी में गए थे। वहां लहसुन का भाव ५००-६०० रुपए प्रति क्विंटल लगाया। तब से ही वह गुमसुम रहते थे। बुधवार शाम को उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। इससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस पर परिजन उसे रात्रि में पहले अटरू अस्पताल लाए, यहां से बारां रैफर कर दिया और बारां से कोटा। कोटा ले जाते समय रास्ते में किसान का दम टूट गया। परिजन उसे वापस अटरू अस्पताल लाए। यहां गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस जांच शुरू
ग्रामीणों ने कहा कि मृतक ने सात बीघा की फसल मुनाफा काश्त की थी। वहीं कवाई थानाधिकारी दलबीर सिंह फौजदार ने बताया कि मृतक के पास कोई जमीन नहीं थी। जो थी वह भी तीनों बेटों में बांट रखी थी। थानाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों से भी पता किया गया था जिसमें उसके द्वारा लहसुन की फसल की बुआई नहीं करना सामने आया, फिर भी पुलिस ने मृतक के बेटे मेघराज की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
जिले में तीसरी घटना
इससे पहले जिले की अटरू तहसील के रहलाई गांव निवासी कृषक रेवड़ीलाल मेघवाल द्वारा सल्फास का सेवन करने से १९ अप्रेल को उसकी मृत्यु हुई थी। वहीं गत ८ मई को निकटवर्ती खैराली गांव निवासी एक किसान ने आर्थिक तंगी व कर्ज से परेशान होकर पेड़ पर लटककर आत्महत्या कर ली थी।
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