फिर कैसे पार करेंगी बेटियां कॉलेज की दहलीज , सुलग रहा सवाल…
बारांPublished: Jul 08, 2018 06:53:01 pm
सालभर मेहनत कर अच्छे अंक हासिल करने के बावजूद कई बेटियों का कॉलेज की दहलीज पर कदम रखना मुश्किल हो रहा है।
बारां. सीनियर सैकण्डरी में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने के बावजूद जिले के सबसे बड़े व मुख्यालय स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सैंकड़ों छात्रों को प्रवेश से वंचित होना पड़ रहा है, ऐसा केवल इसी कॉलेज में नहीं है। मुख्यालय के दूसरे व राजकीय कन्या महाविद्यालय में भी यही स्थिति है।
सरकार एक ओर बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है, दूसरी ओर सालभर मेहनत कर अच्छे अंक हासिल करने के बावजूद कई बेटियों का कॉलेज की दहलीज पर कदम रखना मुश्किल हो रहा है। कन्या महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में उपलब्ध सीटों की तुलना में करीब चार गुना आवेदन किए गए थे, अन्तरिम सूची जारी होने के बाद व मौजूदा स्थिति में कई छात्राएं भी दाखिले से वंचित रहेंगी। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भी कई छात्रों को प्रवेश से वंचित रहना पड़ेगा, कई को राहत मिल सकेगी।
कन्या महाविद्यालय में यह स्थिति
कन्या महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में २४० सीटों के लिए ८६०, बीएससी बायोलॉजी की ७० सीटों के लिए २०५ व बीएससी गणित की 70 सीटों के लिए ९८ आवेदन किए गए थे। बीए प्रथम वर्ष में २४० सीटों में से २२१ सीटों की मेरिट जनरेट की गई थी। १९ सीटें रिक्त छोड़ी गई। इसके अलावा वेटिंग की २४० सीटों की सूची निकाली गई थी। दस्तावेज जांच व शुल्क जमा कराने के अंतिम दिन शनिवार तक अन्तरिम सूची की २२१ सीटों के विपरीत ८९ व प्रतीक्षा सूची की २४० सीटों के विपरीत १०० छात्राओं ने ही वेरीफिकेशन कराया। कुल १८९ छात्राओं ने वेरीफिकेशन कराया है। अब इस स्थिति के बाद प्रतीक्षा सूची में चल रही कई छात्राओं को मौका मिल सकेगा। इसके बावजूद आवेदक कई छात्राओं को निराश ही होना पड़ेगा। कन्या महाविद्यालय में जनरल मेरिट में कट ऑफ ७६.४ व जनरल में वेटिंग में कट ऑफ ६७ प्रतिशत रही है।
२०० से अधिक को मिलेगा मौका
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अन्तरिम सूची के ७३७ में से शनिवार को अंतिम दिन तक ५८५ छात्रों ने ही दस्तावेज वेरीफिकेशन कराया। इसके अलावा वेटिंग की ८०० की सूची में से ४३३ ने वेरीफिकेशन कराया है। वहीं ७३७ मेरिट जनरेट सीटों के अलावा अभी ६३ सीटें बची हुई है। ऐसे में कई छात्रों के डिफाल्टर होने से रिक्त हुई सीटों समेत मेरिट जनरेट के बाद बची सीटों पर प्रतीक्षा सूची वाले दो सौ से अधिक छात्रों को मौका मिल सकेगा। इससे कई आवेदकों को राहत मिलेगी, लेकिन कइयों को फिर भी निराश होना पड़ेगा क्योंकि उपलब्ध सीटें ८०० के अनुसार कुल ८०० ही प्रवेश होंगे।