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शिक्षा का सवाल : सरकार के लाखों रुपए खर्च, नहीं मिल रहा नए भवन का लाभ

locationबारांPublished: Feb 01, 2022 05:52:04 pm

Submitted by:

mukesh gour

कस्बे से एक किमी दूर बना दिया भवन

शिक्षा का सवाल : सरकार के लाखों रुपए खर्च, नहीं मिल रहा नए भवन का लाभ

शिक्षा का सवाल : सरकार के लाखों रुपए खर्च, नहीं मिल रहा नए भवन का लाभ

देवरी. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत लाखों रुपयों की लागत से कस्बे की जाटव बस्ती से 1 किमी दूर नए विद्यालय भवन का निर्माण कराया था। विद्या के इस नए मंदिर में किसी भी छात्र ने ए, बी, सी, डी नहीं पढ़ी। यह भवन सालों से छात्रों की बाट जोह रहा है। इस भवन को तैयार हुए 5 साल से अधिक समय हो गया है। देखरेख के आभाव में अब यह भवन जर्जर होने लगा है। विद्यालय के चारों ओर चारदीवारी नहीं होने के कारण इस भवन पर अतिक्रमण की आशंका भी बढने लगी है। विद्यालय भवन के गेटों पर ताले नहीं होने के कारण मवेशी अंदर घुस जाते हैं। इससे यहां गंदगी हो रही है।

कस्बे से दूर होना समस्या
नया विद्यालय बस्ती से 1 किमी दूर होने के कारण अविभावक इसमें बच्चों को पहुंचाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यहां कुछ दूरी पर ही घना जंगल है। ऐसे में यह भवन अब आवारा जानवरों का आशियाना बना हुआ है। इसे चलते भवन के फर्श पर गोबर नजर आता है। किसी भी जिम्मेदार द्वारा नए भवन की देखरेख नहीं की जा रही। विद्यालय भवन के गेट पर ताला भी नहीं है।

कई विद्यालय हुए जर्जर
कस्बे के बीचों बीच पुरानी पुलिस चौकी के पास कई सालों पहले कन्या विद्यालय हुआ करता था। लेकिन अब कन्या विद्यालय को क्रमोन्नत करने के बाद से विद्यालय की देखभाल नहीं हो पा रही है। इससे यह भवन भी जर्जर होने लगा है। इस भवन पर भी अतिक्रमण होने की आशंका है। इस भवन में 2016 में एक हॉल का निर्माण करवाया गया था। लेकिन उस भवन का कोई उपयोग नहीं किया गया। इसी तरह देवधाम सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर के सामने सालों पहले प्राथमिक विद्यालय चलता था। यह भी क्रमोन्नत होने के बाद बंद होकर जर्जर होने लगा है। सरकार के इन भवनो की देखरेख नहीं होने के कारण धीरे धीरे जर्जर होकर खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। गांव के बीचोंबीच बने इन सरकारी भवनों का उपयोग अन्य विभागों के कार्यालयों के लिए किया जाये तो न केवल इनका सदुपयोग हो सकता है। बल्कि इन्हें खंडहर होने से भी बचाया जा सकता है।
– शिक्षा विभाग ने गलत जगह का चुनाव करके विद्यालय का निर्माण तो करा दिया। लेकिन इसमें पढऩे बाले छात्र-छात्राओं को नहीं ला सका।
सतीश नामदेव, ग्रामीण


– कस्बे की जाटव बस्ती से 1 किमी दूर बने विद्यालय भवन में समय पर साफ-सफाई सहित अन्य देखरेख नही हो पा रही हैं। इससे यह दिन ब दिन दुर्दशा का शिकार हो रहा है।
केदारी गंगोलिया, ग्रामीण

– नए विद्यालय भवन में विद्यालय शिफ्ट नहीं होने के कारण विद्यालय के अंदर गंदगी के ढेर हैं। तो वहीं विद्यालय में चारदीवारी नहीं होने के कारण अतिक्रमण भी होने लगा है।
राजू माली, ग्रामीण
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