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सरकारी विद्यालयों के लौट रहे पुराने दिन , निजी स्कूलों पर भारी रहे सरकारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम रहे बेहतर

बारां. कहते है कि कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो असुविधाएं भी सुविधा बन जाती हैं, अधूरे संसाधन भी पूरे नजर आते हैं।

बारांJun 22, 2018 / 05:20 pm

Shivbhan Sharan Singh

सरकारी विद्यालयों के लौट रहे पुराने दिन , निजी स्कूलों पर भारी रहे सरकारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम रहे बेहतर

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बारां. कहते है कि कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो असुविधाएं भी सुविधा बन जाती हैं, अधूरे संसाधन भी पूरे नजर आते हैं। माध्यमिक शिक्षा के अधीन जिले के कई सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम इसका प्रमाण दे रहा है। इन स्कूलों के अध्यापकों के अध्यापन व छात्र-छात्राओं की जी तोड़ मेहतन का ही परिणाम है कि कक्षा 12वीं के विज्ञान, वाणिज्य व कला संकाय का परीक्षा परिणाम अधिकांश निजी स्कूलों से बेहतर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बेहतरीन परीक्षा परिणाम बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों ने विशेष मेहनत की। परीक्षा के कुछ माह पहले छात्र-छात्राओं की कक्षाएं ली गईं। साथ ही कमजोर छात्र-छात्राओं पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रत्येक सप्ताह छात्र-छात्राओं के क्लास टेस्ट लिए गए। जिले में 277 माध्यमिक व उ. माध्य. स्कूल हैं।
आड़े नहीं आई सुविधाएं
ज्यादातर सरकारी स्कूलों में कक्षा कक्ष, आईसीटी लैब सहित अन्य भौतिक सुविधाओं की कमी है। यही नहीं ग्रामीण इलाकों के कई स्कूलों में विषय अध्यापक भी कम है। फिर भी स्कूलों के अध्यापकों ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अच्छे परिणाम का लक्ष्य निर्धारित कर छात्र-छात्राओं को अध्ययन करना शुरू किया, जिससे बाजी सरकारी स्कूलों के हाथ लगी।
१०वीं में थोड़ा पिछड़ गए सरकारी
दसवीं के परीक्षा परिणाम में निजी स्कूल थोड़ा सा आगे रहे हैं। निजी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 75.45 प्रतिशत रहा, जबकि सरकारी का घटकर 72.70 प्रतिशत रह गया। फिर भी 39 सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा।
& सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की मेहनत परीक्षा परिणाम में साफ झलकती है। निजी विद्यालयों की तुलना में सरकारी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ अध्यापकों का अनुभव छात्र, छात्राओं का उचित मागदर्शन करता है। अब लोग वापस अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल कराने के लिए खुद प्रेरित होने लगे हैं।
पुनीत यादवेन्दु, शैक्षिक प्रकोष्ठ प्रभारी बारां
जिले में वाणिज्य संकाय 9 सरकारी स्कूलों में संचालित है। इनमें से 5 स्कूलों का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा है। पूरे जिले में सरकारी स्कूलों का परिणाम 95.55 प्रतिशत रहा, जबकि निजी स्कूल 92.34 प्रतिशत पर ही सिमट कर रह गए। विज्ञान संकाय के १७ सरकारी स्कूलों में 4 का परिणाम 100 प्रतिशत रहा है। इस संकाय में सरकारी स्कूलों का 91.16 व निजी स्कूलों का 82.81 परीक्षा परिणाम रहा। जो ९ प्रतिशत अधिक है। कला संकाय में 106 सरकारी स्कूलों का परिणाम 100 प्रतिशत रहा। इस संकाय जिले में 244 स्कूलों में संचालित है। सरकारी स्कूलों का परिणाम 91.77 व निजी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 90.80 प्रतिशत रहा।
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