बारांPublished: Nov 02, 2023 06:00:56 pm
Ghanshyam Dadhich
मांगरोल. राज्य में चुनावी आचार संहिता लगने व चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही शासन प्रशासन अब चुनाव संपन्न करवाने की कवायद में जुट गया।
मांगरोल. राज्य में चुनावी आचार संहिता लगने व चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही शासन प्रशासन अब चुनाव संपन्न करवाने की कवायद में जुट गया। पुलिस नाकाबंदी कर वैध हो चाहे अवैध रुप से धन राशि ले जा रहे लोग सबको एक साथ चुनावी आचार संहिता की आड़ में लपेटे में ले रही है। लेकिन गौरतलब तो यह है कि नाकाबंदी के बावजूद पुलिस को अवैध खनन कर रात दिन चल रही ट्रैक्टर ट्रॉलियां नहीं दिख रही। चुनावी गतिविधियां शुरु होने के साथ ही बजरी के अवैध खनन का कारोबार दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति कर रहा है। हल्दी लगे न फिटकरी रंग चैखो आवै की तर्ज पर चल रहे इस कारोबार में खनन माफियाओं के अलावा कई लोग घी शक्कर खा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बजरी का यह अवैध व्यापार पहले नहीं चलता था। पहले भी बजरी के अवैध खनन पर हाईकोर्ट की रोक थी और अब भी। लेकिन पहले पुलिस का इस पर अंकुश रहता था और अब खनन विभाग अंकुश रखने लगा है।
धो रहे बहती गंगा में हाथ
इसका असर यह पड़ रहा है कि बजरी के दाम आसमान छू रहे हैं। और आम आदमी के लिए अपना घर का सपना दूर होता जा रहा है। इधर स्थानीय थाने में अवैध खनन के मामले में पिछले तीन माह में एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। थाने के सामने से रेत की टॉलियां बनास के ट्रोले ऐसे निकलते हैं। जैसे पुलिस ने इन वाहनों का फास्ट टैग कार्ड बना रखा हो। इससे साफ जाहिर है कि पुलिस महकमे की बिना मिलीभगत यह कारोबार नहीं चल रहा। पार्वती नदी का सीना छलनी कर यहां रोजाना दर्जनों टैक्टर रेत लाई जा रही है। पहले यह रेत 1500 रुपए में बिकती थी, अब 3000 रुपए में बिकने लगी है। यही हाल बनास नदी से लाई जाने वाली रेत का भी है। पहले इक्का दुक्का ट्रोले आ रहे थे।
अब खनन विभाग के हाथ में कार्रवाई की कमान के सरकार के फरमान के बाद रोजाना बमोरीकलां के रास्ते दर्जनों ट्रोले बेखटके आने लगे हैं। बनास की बजरी के एक ट्रोले को बारां जिले की सीमा में प्रवेश करते ही 18 हजार रुपए नजराना देना पड़ रहा है। ऐसे में 30 हजार का बनास का ट्रौला 50 हजार में आने लगा है। यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा है।
सडक़ें हो गई हैं जर्जर
रोजाना क्षेत्र की सडक़ों पर होकर दर्जनों रेत के भरे वाहनों से सडक़ें पनाह मांगने लगी हैं। जगह जगह हिचकोले खाते वाहन यहां से गुजर रहे हैं।
खनन की यह हालत
खनन विभाग की हालत यह है कि पिछले एक माह में एक भी कार्यवाही तो नहीं की बल्कि जगह जगह अपने सिपहसालार बैठाकर रात दिन आ रहे इन बनास के ट्रोलों की गिनती और उनसे नजराना वसूलने में अधोषित नाके लगाए हुए हैं। यह मोटी कमाई का खेल मकान बनाने का सपना देखने वालों की नींद ***** कर रहा हैं। इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा।