लगा रहता था मेला
केन्द्र सरकार की ओर से जन-धन योजना लागू की थी तो उस समय खाते खुलवाने के लिए बैंकों में महिला-पुरुष उपभोक्ताओं का मेला सा लगा रहता था। सरकार की ओर से भी खाते खोलने पर खासा जोर दिया जा रहा था तो बैंकों में खासी भीड़ रहती थी।
व्यवस्था बनाने के लिए यहां जिला मुख्यालय पर तो सभी बैंकों को वार्डवार क्षेत्र निर्धारित किए गए थे। प्रत्येक वार्ड के लिए अलग-अलग बैंक तय हो गए थे। इसकी सूची भी बैंकों में चस्पा की गई थी। लोग खाता खुलवाने पहुंचते थे तो उन्होंने वार्ड क्षेत्र का हवाला देकर सूची में उनके वार्ड का निर्धारित बैंक तलाशने तथा सम्बंधित बैंक में ही खाता खुलवाने की सलाह दी जाती थी।
फिर याद आता है बैंक
जीरो बैलैंस पर खुले अधिकांश खातों में सरकार की किसी योजना के तहत चेक प्राप्त होने तथा गैस की सब्सिडी जमा होने आदि
की स्थिति में ही राशि जमा हो
रही है। राशि जमा होने तथा
चेक जमा कराने के समय
ही जनधन के खाताधारकों को उनके बचत खातों की याद
आती है।
नहीं ले रहे लाभ
बैंक सूत्रों का कहना है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, छोटे व्यवसाय वाले परिवार आदि विभिन्न बीमा योजनाओं में रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा रहे है। जबकि इन योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कराने से खाते से राशि कटती है। इससे लेनेदेन भी जारी रह सकता है। 18 से 70 वर्ष के खाताधारक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 12 रुपए प्रतिवर्ष में दुर्घटना बीमा, जीवन ज्योति योंजना में 330 रुपए प्रतिवर्ष तथा 40 से 250 रुपए प्रतिमाह में अटल पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
&जन-धन योजना के तहत विभिन्न बैंक शाखाओं में करीब 3 लाख 20 हजार खाते है। इनमें से करीब 90 हजार खातों में नियमित लेनदेन नहीं हो रहा है। खाताधारकों को बीमा योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कराकर तथा बचत जमा कर लाभ लेना चाहिए।
बनवारी लाल मीणा, अग्रणी जिला प्रबंधक
केन्द्र सरकार की ओर से जन-धन योजना लागू की थी तो उस समय खाते खुलवाने के लिए बैंकों में महिला-पुरुष उपभोक्ताओं का मेला सा लगा रहता था। सरकार की ओर से भी खाते खोलने पर खासा जोर दिया जा रहा था तो बैंकों में खासी भीड़ रहती थी।
व्यवस्था बनाने के लिए यहां जिला मुख्यालय पर तो सभी बैंकों को वार्डवार क्षेत्र निर्धारित किए गए थे। प्रत्येक वार्ड के लिए अलग-अलग बैंक तय हो गए थे। इसकी सूची भी बैंकों में चस्पा की गई थी। लोग खाता खुलवाने पहुंचते थे तो उन्होंने वार्ड क्षेत्र का हवाला देकर सूची में उनके वार्ड का निर्धारित बैंक तलाशने तथा सम्बंधित बैंक में ही खाता खुलवाने की सलाह दी जाती थी।
फिर याद आता है बैंक
जीरो बैलैंस पर खुले अधिकांश खातों में सरकार की किसी योजना के तहत चेक प्राप्त होने तथा गैस की सब्सिडी जमा होने आदि
की स्थिति में ही राशि जमा हो
रही है। राशि जमा होने तथा
चेक जमा कराने के समय
ही जनधन के खाताधारकों को उनके बचत खातों की याद
आती है।
नहीं ले रहे लाभ
बैंक सूत्रों का कहना है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, छोटे व्यवसाय वाले परिवार आदि विभिन्न बीमा योजनाओं में रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा रहे है। जबकि इन योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कराने से खाते से राशि कटती है। इससे लेनेदेन भी जारी रह सकता है। 18 से 70 वर्ष के खाताधारक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 12 रुपए प्रतिवर्ष में दुर्घटना बीमा, जीवन ज्योति योंजना में 330 रुपए प्रतिवर्ष तथा 40 से 250 रुपए प्रतिमाह में अटल पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
&जन-धन योजना के तहत विभिन्न बैंक शाखाओं में करीब 3 लाख 20 हजार खाते है। इनमें से करीब 90 हजार खातों में नियमित लेनदेन नहीं हो रहा है। खाताधारकों को बीमा योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कराकर तथा बचत जमा कर लाभ लेना चाहिए।
बनवारी लाल मीणा, अग्रणी जिला प्रबंधक