शाहाबाद क्षेत्र में हुई अधिक कालाबाजारी
सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट लेने वाले किसान कन्हैया मेहता निवासी बील खेड़ा माल ने बताया कि शाहाबाद क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होने के कारण यहां सभी प्रकार की सुविधाएं कागजों में तो अधिक मिलती हैं। लेकिन यहां के लोगों को कुछ नहीं मिलता। क्षेत्र के तीनों और मध्यप्रदेश की सीमाएं हैं। और मध्यप्रदेश के लोगों का आना-जाना भी शाहाबाद, देवरी, कस्बा थाना सहित अन्य कस्बों से लगा रहता है। इन बाजारों में रात्रि के समय ट्रैक्टर टोलियां भरकर मध्यप्रदेश में खाद की सप्लाई दुकानदारों द्वारा की गई थी। इसके कारण क्षेत्र के लोगों को समय पर और पूरी मात्रा में खाद आपूर्ति नहीं हुई। इसके चलते किसानों की फसलों में उपज की कमी आई है। किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के जिला स्तरीय उच्च अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में हो रही कालाबाजारी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। ऐसे में कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट लेने वाले किसान कन्हैया मेहता निवासी बील खेड़ा माल ने बताया कि शाहाबाद क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होने के कारण यहां सभी प्रकार की सुविधाएं कागजों में तो अधिक मिलती हैं। लेकिन यहां के लोगों को कुछ नहीं मिलता। क्षेत्र के तीनों और मध्यप्रदेश की सीमाएं हैं। और मध्यप्रदेश के लोगों का आना-जाना भी शाहाबाद, देवरी, कस्बा थाना सहित अन्य कस्बों से लगा रहता है। इन बाजारों में रात्रि के समय ट्रैक्टर टोलियां भरकर मध्यप्रदेश में खाद की सप्लाई दुकानदारों द्वारा की गई थी। इसके कारण क्षेत्र के लोगों को समय पर और पूरी मात्रा में खाद आपूर्ति नहीं हुई। इसके चलते किसानों की फसलों में उपज की कमी आई है। किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के जिला स्तरीय उच्च अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में हो रही कालाबाजारी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। ऐसे में कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
किसानों ने की जांच की मांग
कृषि विभाग से सूचना के अधिकार के तहत ली गई रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष रवि के सीजन में यूरिया और डीएपी खाद की मात्राओं में हजारों मिली टन खाद की वृद्धि हुई है। लेकिन फिर भी किसानों को खाद की आपूर्ति समय पर नहीं हो सकी। इससे साफ होता है कि जिले भर में कई दुकानदारों द्वारा खाद की कालाबाजारी कर खाद को पड़ोसी राज्यों में भेजा गया। क्योंकि रवि की बुवाई के समय कई कस्बों से खाद की कालाबाजारी होने की शिकायतें भी किसानों ने कृषि विभाग से की थी। लेकिन इन पर कृषि विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर सका। किसान कन्हैया मेहता, संतोष मेहता, प्रमोद, दीपक सहित अन्य किसानों ने इस पूरे मामले की जांच उच्च अधिकारियों से कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
कृषि विभाग से सूचना के अधिकार के तहत ली गई रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष रवि के सीजन में यूरिया और डीएपी खाद की मात्राओं में हजारों मिली टन खाद की वृद्धि हुई है। लेकिन फिर भी किसानों को खाद की आपूर्ति समय पर नहीं हो सकी। इससे साफ होता है कि जिले भर में कई दुकानदारों द्वारा खाद की कालाबाजारी कर खाद को पड़ोसी राज्यों में भेजा गया। क्योंकि रवि की बुवाई के समय कई कस्बों से खाद की कालाबाजारी होने की शिकायतें भी किसानों ने कृषि विभाग से की थी। लेकिन इन पर कृषि विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर सका। किसान कन्हैया मेहता, संतोष मेहता, प्रमोद, दीपक सहित अन्य किसानों ने इस पूरे मामले की जांच उच्च अधिकारियों से कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।