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जंगल में माफिया कर रहे ‘मंगल’, सैंकड़ों हरे पेड़ों की हो रही कटाई

वनभूमि पर खेती करने वाले भी बाड़ के लिए काट रहे पेड़

बारांOct 15, 2021 / 10:08 pm

mukesh gour

जंगल में माफिया कर रहे ‘मंगल’, सैंकड़ों हरे पेड़ों की हो रही कटाई

किशनगंज. नाहरगढ रेंज क्षेत्र में सिगरी वन इलाके के जंगलों में रोजाना तेजी के साथ जंगलों की कटाई की जा रही है। इससे जंगल में हरे-भरे पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। पेड़ों की कटाई के कारण वन परिक्षेत्र कम होता जा रहा है। 15 साल पहले जंगल हरे-भरे हुआ करते थे, लेकिन इसमें आज कमी आ चुकी है। नाका कार्याल्य से महज आधा किलोमीटर दूरा नीमखेड़ा में सेकड़ों पेडों को काटकर लकडिय़ों के ढेर लगा रखे है।
कुछ जगह अतिक्रमण की नीयत से पेड काटे जा रहे है तो कुछ जगह लकडी माफिया की बुरी नजर जंगलों पर है। जंगलों से हो रही पेड़ों की अवैध कटाई की जानकारी वन विभाग को ही नहीं है। जंगल की कटाई पर वन विभाग रोक लगाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। जन्मझिरी के चरवाहों ने बताया कि जंगल मे लकडिय़ों के ढेर लगे हैं। लोग ट्रैक्टर ट्रॉलियों से लकडिय़ों को ले जा रहे हैं। बेरोक-टोक कटाई के चलते लकड़ी माफिया जंगलों में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। पेड़ों के अलावा वन क्षेत्र में पत्थर बजरी व मुरम खनन का काम भी किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो वन विभाग के संरक्षण में लकड़ी माफिया, खनन माफिया व अतिक्रमी पनप रहे हंै। पिछले कई दिन से जंगल में पेड़ों की कटाई चल रही है।
अवैध उत्खनन जारी
वन क्षेत्र से पत्थर, मुरम व बजरी का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। जंगल में बिना पत्थर अवैध रूप से निकाले जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध उत्खनन की शिकायत के बाद भी विभागीय स्तर पर खनन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे माफिया सक्रिय हैं। वन रेंजर दीपमाला शिवहरे से बात करने के लिए कॉल किए, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ बताता रहा।
10 हजार हैक्टेयर में फैला है जंगल
करीब 10 हजार हेक्टेयर में फैली इस रेंज में कई जगह पेड़ों के ठूंठ देखे जा सकते हैं। आदिवासियों का कहना है कि पेड़ कटने की शिकायतें करने पर जिम्मेदार अधिकारी से कई बार की जा चुकी हैं। लेकिन इसके बाद भी अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं।
हर साल पौधरोपण पर लाखों खर्च
नाहरगढ़ रेंज क्षेत्र के जंगलों में पौधरोपण के लिए वन विभाग अधिकारियों को टारगेट दिया जाता है। वहीं विभाग द्वारा पौधारोपण में लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोपे जाते हैं। लेकिन उनकी देखरेख और सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके अलावा जंगलों में खड़े पेड़ों की देखरेख वन विभाग द्वारा की जाए तो जंगल को काफी हद तक बचाया जा सकता है।
& मैं मौका निरीक्षण कर देखता हूं। ऐसा है तो दोषी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दीपक गौतम, रेंजर, नाहरगढ़
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