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मिलेगी ओटीपी व आइरिस सिस्टम से राशन सामग्री

locationबारांPublished: Jan 20, 2019 09:18:23 pm

Submitted by:

Ghanshyam

पोस मशीन पर अंगूठा या अंगुली का निशान काम नहीं करने वाले राशनकार्ड धारकों का रसद विभाग ने चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। ऐसे परिवारों के मुखिया वृद्ध या दिव्यांग हैं। उन्हें राशन सामग्री लेने में दिक्कतें आती हैं।

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मिलेगी ओटीपी व आइरिस सिस्टम से राशन सामग्री

अंगूठा निशानी नहीं लगने वाले परिवारों का चिन्हीकरण
रिपोर्ट हंसराज शर्मा द्वारा
बारां. पोस मशीन पर अंगूठा या अंगुली का निशान काम नहीं करने वाले राशनकार्ड धारकों का रसद विभाग ने चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। ऐसे परिवारों के मुखिया वृद्ध या दिव्यांग हैं। उन्हें राशन सामग्री लेने में दिक्कतें आती हैं। इन परिवारों को विभाग अपनी राशन सामग्री ओटीपी सिस्टम, बाईपास सिस्टम, अथवा आइरिस स्केनर के माध्यम से देगा।
जिले में वर्तमान में 4 लाख राशनकार्ड धारक हैं। इनमें से 2 लाख 32 हजार खाद्य सुरक्षा के पात्र परिवार हैं, जिन्हें गेहूं मिलता है। साथ ही 50 हजार परिवारों को केरोसिन व 48 हजार परिवारों को चीनी मिलती है। उक्त परिवारों को सामग्री पोस मशीन से देने का नियम है । लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो वृद्ध व दिव्यांग हैं, जिनका पोस मशीन में अंगूठा काम नहीं करता है। पहले ऐसे परिवारों को विभाग ने मोबाइल पर आने वाले ओटीपी मैसेज से राशन सामग्री देने की सोची थी। लेकिन कुछ लोगों के पास मोबाइल ही नहीं होने से यह जुगत काम नहीं आई। विभाग करीब 900 परिवारों को बाईपास सिस्टम से सामग्री दे रहा है लेकिन विभाग को आशंका है कि पोस मशीन पर अंगूठा नहीं लगने वाले परिवारों की संख्या ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से उक्त परिवारों का चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। वर्तमान में विभाग की ओर से 900 परिवारों को बाईपास सिस्टम, 3 हजार को ओटीपी व अंता के 3 से 4 परिवारों को आईरिस सिस्टम के माध्यम से सामग्री दी जा रही है।
डीलरों से मांगी लिस्ट
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों का पोस मशीन पर अंगूठा नहीं लग रहा है। उक्त परिवारों की लिस्टम मांगी गई है। उक्त लिस्ट की नगरीय निकाय क्षेत्र में नगर पालिका या परिषद, ग्रामीण इलाकों में बीडीओ व एसडीएम से जांच कराई जाएगी। जांच में उक्त परिवारों का पोस मशीन से अंगूठा नहीं लगता पाया गया तो उन्हें उक्त प्रक्रिया के माध्यम से राशन सामग्री दी जाएगी।
प्रत्येक ब्लॉक में रखवाए स्केनर
विभाग की ओर से प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक आईरिस स्केनर मशीन रखवा दी है। अत: जिन लोगों की अंगूठा निशानी नहीं लग रही है। उसकी आंखों को स्केन कर आईरिस सिस्टम से सामग्री दी जाएगी। यदि उसकी आंखें स्केन नहीं हुई तो ओटीपी या बाईपास सिस्टम से राशन सामग्री दी जाएगी।
वर्जन
पोस मशीन पर अंगूठा या अंगूली का निशान नहीं लगने वाले परिवारों का चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। ताकि उन्हें बाईपास, ओटीपीसी आईरिस सिस्टम से सामग्री दी जा सके।
शिवजी राम जाट, प्रवर्तन अधिकारी, रसद विभाग, बारां
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